New Labor Code Benefits: भारत में 21 नवंबर 2025 से 4 नए श्रम कानून लागू हुए हैं, जो महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स के लिए फायदेमंद हैं. नए श्रम कानून लिंग समानता, आर्थिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर केंद्रित हैं. नए श्रम कानूनों के तहत महिलाओं को जहां काम करने के ज्यादा अवसर मिलेंगे, वहीं समान वेतन के साथ समान अवसर मिलेंगे. 19 की बजाय 64 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा कवरेज भी मिलेगा.
श्रम संहिताओं से कार्यक्षेत्र में बढ़ेगी महिलाओं की हिस्सेदारी।
Labour code unlocks the full strength of Nari Shakti.#श्रमेव_जयते#ShramevJayate pic.twitter.com/63d2lxYU7C---विज्ञापन---— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 21, 2025
नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं
पहले भारतीय महिलाओं के रात में काम करने और शिफ्ट देने पर पाबंदी थी, लेकिन नए श्रम कानून 2025 के तहत महिलाएं कारखानों, दुकानों, IT और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, फैक्ट्रियों आदि में नाइट शिफ्ट में भी काम कर पाएंगी, लेकिन उन्हें कैंपस में नियोक्ता को पूरी सुरक्षा प्रदान करनी होगी और नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए महिलाओं के लिए परिवार की परमिशन अनिवार्य होगी. ट्रांसजेंडर्स को भी जेंडर न्यूट्रल प्रोटेक्शन के दायरे में रखा गया है.
नए श्रम कानून में महिलाओं के लिए प्रावधान
बता दें कि नए श्रम कानून के लिए महिलाएं सभी वर्किंग सेक्टर्स में नाइट शिफ्ट में शाम 7 PM से सुबह 6 AM तक काम कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए परिजनों की लिखित और स्वैच्छिक अनुमति अनिवार्य होगी. ओवरटाइम करने पर डबल सैलरी मिलेगी. कंपनी की ओर से सुरक्षा और परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. CCTV से निगरानी की जाएगी और सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे. क्रैच, आराम करने के लिए कमरा और स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं भी अनिवार्य होंगी. शिकायत समिति में महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा. वहीं महिलाओं के लिए ESIC कवरेज का विस्तार किया जाएगा.
Labour code provisions: pic.twitter.com/HgWulA0G6b
— Lord Maximus (@Perseve9ranceup) November 22, 2025
नए श्रम कानून में ट्रांसजेंडर के लिए प्रावधान
बता दें कि नए श्रम कानून में ट्रांसजेंडर को जेंडर-न्यूट्रल प्रोटेक्शन के दायरे में रखते हुए उन्हें महिलाओं के समान काम करने के अवसर, वेतन और सुरक्षा प्रदान की जाएगी. नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति मिलेगी और वर्कप्लेस पर किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. महिलाओं की तरह ही उन पर CCTV से निगरानी की जाएगी और आवाजाही के लिए परिवहन की सुविधा मिलेगा. सामाजिक सुरक्षा फंड में भी ट्रांसजेंडर्स को भी शामिल किया जाएगा. शिकायत समिति में ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि को भी जगह दी जाएगी.
पॉइंट्स में जानें क्या होंगे फायदे?
1. पुरुषों के तरह काम करने और समान वेतन की गारंटी मिलेगी और लिंग आधारित भेदभाव की मनाही होगी, जिससे आय की असमानता कम होगी.
2. पुरुषों की तरह सभी वर्किंग सेक्टर्स में नाइट शिफ्ट में शाम 7 बज से सुबह 6 बजे तक काम करने का मौका मिलेगा, जिससे आय के अवसर बढ़ेंगे.
3. 26 सप्ताह की वेतन के साथ मैटरनिटी लीव मिलेगी. इसके दायरे में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं सहित सभी महिला कर्मचारी आएंगी.
4. पुरुषों की तरह ओवरटाइम करने पर अतिरिक्त और दोगुना वेतन मिलेगा. दिन की शिफ्ट होने पर भी नाइट शिफ्ट देने पर ओवरटाइम मिलेगा.
5. ESIC, EPFO, बीमा और पेंशन के सामाजिक सुरक्षा विस्तार मिलेगा. देशभर की करीब 40 करोड़ महिला श्रमिक इसके दायरे में आएंगी.
6. 40 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए को साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलेगी. रिस्की सेक्टर्स में 100% स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी.
7. कार्यस्थल पर CCTV की निगरानी, सिक्योरिटी गार्ड, क्रेच और रेस्ट रूम मिलेगा. 500 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी को सुरक्षा समिति बनानी होगी.
8. अपॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य होगा और एक साल की नौकरी के बाद फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट के लिए 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलेगी.










