भारतीय ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा को आज 22 अक्टूबर को एक समारोह में औपचारिक रूप से लेफ्टीनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है. आधिकारिक रूप से उनकी नियुक्ति 16 अप्रैल से ही प्रभावी हो गई थी. समारोह के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना के प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे. इसके साथ ही नीरज चोपड़ा के परिवार में से उनकी मां और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 22 अक्टूबर 2025 को साउथ ब्लॉक में आयोजित पिपिंग समारोह के दौरान स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद का चमचमाता प्रतीक चिन्ह औपचारिक रूप से प्रदान किया. लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने उन्हें दृढ़ता, देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना का प्रतीक बताया.
नीरज के नाम एक और बड़ी उपलब्धि
भारत के राजपत्र के अनुसार, यह नियुक्ति 16 अप्रैल से प्रभावी हो गई थी. नीरज 26 अगस्त 2016 को नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए. दो साल बाद, एथलेटिक्स में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और फिर 2021 में खेल के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
कितनी मिलेगी नीरज चोपड़ा को सैलरी?
रैंक बढ़ने के साथ ही अब नीरज चोपड़ा की सैलरी में भी बढ़ोतरी हो जाएगी. इंडियन डिफेंस एकेडमी की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार लेफ्टीनेंट कर्नल को 1,21,200 रुपये से लेकर 2,12,400 रुपये सैलरी मिलती है. यह रकम 7वें वेतन आयोग के अनुसार है. इसके साथ ही आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीरज चोपड़ा की सालाना कमाई 4 करोड़ रुपये हैं. मौजूदा समय में उनकी नेटवर्थ 37 करोड़ रुपये हैं.
क्या मिलती हैं लेफ्टिनेंट को सुविधाएं?
आर्मी में एक लेफ्टिनेंट 40 से 60 अधीनस्थ या सेनिकों की यूनिट का प्रभारी होता है. बतौर लेफ्टिनेंट काम करने वाले अधिकारी को न केवल अच्छा वेतन मिलता है बल्कि स्वास्थ्य बीमा, रहने के लिए आवास, पीएफ, परिवहन छूट और कई अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं. इसके अलावा तय समय सीमा में वेतन में बढ़ोत्तरी और पदोन्नति भी मिलती है.