मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कार्ट ने नवाब मलिक को इलाज के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत दी है। नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 16 महीने से जेल में बंद थे। इससे पहले 13 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडीकल ट्रीटमेंट के नाम पर जमानत देने से मना कर दिया था।
नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने अंतरिम जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि मलिक किडनी समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। हम उन्हें जमानत सिर्फ उनके स्वास्थ्य के आधार पर दे रहे हैं, ना कि केस के आधार पर। कोर्ट के आदेश के बाद एनसीपी ने कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर पटाखे फोड़कर नारे लगाए।
क्या है पूरा मामला
बता दे कि मलिक को 23 फरवरी 2022 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। उन पर दाऊज इब्राहिम और उसके सहयोगियों से भी जुड़े होने का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड की एक जमीन के लिए कथित तौर पर भगोड़े घोषित अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों से पैसों का लेनदेन किया ।
कुल 6 शर्तों पर मिली जमानत
-50000₹ निजी मुचलके पर जमानत।
-ED को पासपोर्ट जमा करना होगा ।
– मीडिया से बातचीत नहीं करनी है ।
– घर का पता और मोबाइल नंबर डिटेल ED को देना है।
– किसी क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल नहीं होना है ।
– गवाहों को नहीं धमकाना है। सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करनी है।