संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को बताया कि प्रधानमंत्री ने गंभीर अपराधों में जेल जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय तथा राज्य मंत्रियों को पद से हटाने वाले कानून को क्रांतिकारी बताया है। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रावधान से छूट लेने से भी इनकार कर दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट से कहा था कि प्रधानमंत्री को इस विधेयक से बाहर रखने की सिफारिश की गई है, लेकिन वह इससे सहमत नहीं हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री को कोई छूट देने से इनकार कर दिया। रिजिजू ने यह भी कहा कि देश के लोग संविधान संशोधन विधेयक के प्रावधानों का स्वागत कर रहे हैं और विपक्षी दलों को भी इसका स्वागत करना चाहिए था।
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री को कोई छूट देने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। अधिकतर मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हैं। अगर वे कुछ गलत करते हैं, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा। नैतिकता का भी कुछ मतलब होना चाहिए। अगर विपक्ष ने नैतिकता को केंद्र में रखा होता, तो वे इस विधेयक का स्वागत करते।
किरेन रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सिफारिश के खिलाफ जाकर प्रधानमंत्री को उस श्रेणी में शामिल कर दिया है कि अगर प्रधानमंत्री कोई भ्रष्टाचार करता है तो उसे जेल जाना होगा और अपना पद छोड़ना होगा। कोई भी पद चाहे वह मुख्यमंत्री हो, प्रधानमंत्री हो या केंद्रीय मंत्री कानून से ऊपर नहीं हो सकता। इस पर विपक्ष को क्या आपत्ति है?
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क्या केंद्र सरकार ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष के साथ पहले से चर्चा की थी? इस पर केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि सभी ने पूर्व चर्चा के बाद सहमति व्यक्त की थी। अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा था कि जब गृह मंत्री विधेयक पेश करेंगे तो कोई भी सदस्य आसन के पास नहीं आएगा, इस पर सहमति बन गई थी। लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही टीएमसी सांसद आसन के पास कूद पड़े और कागज फेंकने लगे।










