HT Parekh company worth crores HDFC struggle: मेहनत करके अमीर बनने की कई कहानियां आपने सुनी होंगी। यह सही है कि हर किसी को सफलता आसानी से नहीं मिल जाती है। इसके पीछे कठिन परिश्रम और एक लंबा संघर्ष जुड़ा होता है। आज हम धीरुभाई अंबानी या रतन टाटा की बात नहीं करेंगे बल्कि एक ऐसे शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो कभी मुंबई की चॉल में रहता था। इस शख्स ने वहां से उठकर 4.14 लाख करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।
कठिनाईयों में सफलता की बुलंदी पर पहुंचने वाले इस शख्स का नाम है एचटी पारेख। पारेख एचडीएफसी के संस्थापक हैं। उनका पूरा नाम है हसमुख ठाकोदास पारेख है। उन्हें पैसे कमाने के लिए कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही काम करना पड़ा था।
एचटी पारेख का जन्म गुजरात के सूरत में बैंकिंग से जुड़े एक परिवार में हुआ था। उन्होंने मुंबई से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वे पढ़ाई के लिए यूके चले गए। वहां से लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बैंकिंग और वित्त में बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई खत्म होने के बाद वे भारत लौटे और मुंबई के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज में लेक्चरर बन गए।
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कई देशों में फैला है कारोबार
पारेख ने बुढ़ापे में ऐसा बिजनेस खड़ा किया, जिसके आज 12 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। उनकी कंपनी में 2 लाख परिवारों को सीधे नौकरियां मिली हैं। उनका कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला है। एक बैंक कर्मचारी से इस मुकाम पर पहुंचने वाले वे अकेले आदमी हैं।
66 साल की उम्र में उन्होंने सफलता की नई इबारत लिख दी। उन्होंने होम लोन देने वाली एक गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की स्थापना की, जिसका नाम एचडीएफसी (HDFC) है। 1977 में उन्होंने इस कंपनी को बनाया था।
पद्म भूषण से किया जा चुका है सम्मानित
सबसे बड़ी बात ये है कि इस कंपनी को बनाने में उन्होंने कोई सरकारी मदद नहीं ली थी। यह लोगों को होम लोन देने वाली पहली कंपनी थी। बैंकिंग सेक्टर में बेहतरीन काम के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 1992 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
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