Manipur Violence Updates: मणिपुर में फिर हिंसा सुलग उठी है। टेंग्नोपाल और काकचिंग जिले में सुबह से सुरक्षाबलों और सशस्त्र स्थानीय लोगों के बीच गोलीबारी जारी है। अब तक दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए। इनमें से 12 से अधिक लोगों को गोली लगी है। सबसे पहले गोलीबारी की शुरुआत पलेल शहर के पास हुई, जहां स्थानीय लोगों और असम राइफल्स के जवानों के बीच टकराव हुआ। जवानों ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया। इसके लिए जवानों को बल भी इस्तेमाल करना पड़ा। महिलाओं ने सड़क पर जाम लगाया है। तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को मौके पर भेजा गया है। दोपहर 12 बजे से घाटी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इस हिंसा के लिए कुकी और मैतेई समुदाय ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। हिंसा में घायल लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। घायलों में सुरक्षाकर्मी भी हैं। अफसरों के मुताबिक, गोलीबारी सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई और रुक-रुक कर जारी है।
कुकियों ने किया ये दावा
कुकियों का दावा किया है कि मैतेई लोगों ने सेना की वर्दी पहनकर पल्लेल के एक गांव पर हमला किया। जिसके बाद लोगों ने पास के सेना के कैंपों में शरण ली। बताया गया कि असम राइफल्स के एक जवान और एक कुकी व्यक्ति की मौत हो गई। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग ने कहा कि हमने सुना है कि सेना की वर्दी पहने छह मैतेई लोग मारे गए हैं। पाल्लेल में कुकी और मैतेई लोगों के बीच शांति समझौता हुआ था, लेकिन गोलीबारी के बाद मैतेइयों ने इसे तोड़ दिया।
वहीं, मैतेई समुदाय का दावा है कि आदिवासी समूहों ने गोलीबारी शुरू की थी। पहले दो मैतेई लोगों के घरों को जला दिया गया। उन्होंने विरोध किया और इसे इस बात का सबूत बताया कि हमले चिन-कुकी समूहों द्वारा उकसाए गए थे।
पूर्व नियोजित लग रहा हमला
मणिपुर इंटीग्रिटी पर घाटी स्थित समन्वय समिति (COCOMI) के प्रवक्ता अताउबा खुराइजम ने कहा कि पहाड़ी रेंज से गोलीबारी की शुरुआत चिन-कुकी नार्को-आतंकवादी समूहों द्वारा किए जाने की आशंका है। यह पूर्व नियोजित हमला प्रतीत होता है। जी-20 से पहले मणिपुर में हिंसा कराकर दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित कराने का यह प्रयास है।
अब तक मणिपुर में 180 से अधिक मारे गए
मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है। हिंसा की शुरुआत मैतेई समुदाय को मणिपुर हाईकोर्ट से मिले आरक्षण के चलते हुई थी। अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं कुकी समुदाय की आबादी 40 फीसदी है, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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