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तमिलनाडु के वन मंत्री की बढ़ीं मुश्किलें, विवादित टिप्पणी वाला वीडियो देख जज भी रह गए हैरान, FIR दर्ज करने का आदेश

तमिलनाडु के मंत्री के पोनमुडी की विवादित टिप्पणी मामले में मुश्किलें बढ़ गई है। वन मंत्री के पोनमुडी के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करके एक्शन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। पोनमुडी पर महिलाओं और सनातन धर्म पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 18, 2025 10:45
Tamil Nadu Forest Minister K Ponmudy
तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी। (फाइल फोटो)

तमिलाडु सरकार में वन मंत्री के पोनमुडी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने डीजीपी से एक्शन रिपोर्ट मांगी है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी से शैव, वैष्णव और सामान्य रूप से महिलाओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अश्लील कमेंट करने पर सवाल किया। कोर्ट ने पूछा कि तमिलनाडु पुलिस ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है।

कोर्ट ने अश्लील टिप्पणी पर नाराजगी जताई

हाई कोर्ट पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ 2023 में दायर की गई रिव्यू पिटीशन की सुनवाई कर रहा था। इसी दौरान जज ने महाधिवक्ता पीएस रमन को बुलाया और पोनमुडी की अश्लील और निंदनीय टिप्पणी पर नाराजगी जताई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए जज ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि मंत्री की जुबान फिसली थी, उन्होंने पूरे होश-ओ-हवास में ये बातें कही थीं। इसके बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर पूरे मामले को दरकिनार कर दिया।

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हाई कोर्ट ने FIR दर्ज करने के दिए निर्देश

मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा, अगर आप एफआईआर नहीं दर्ज करते तो कोर्ट प्रशासन के खिलाफ स्वतः संज्ञान करके अवमानना की कार्रवाई करेगा। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

क्या है आरोप?

मंत्री पोनमुडी पर आरोप है कि उन्होंने शैव और वैष्णवों को लेकर अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने सनातन तिलक की तुलना सेक्स पोजीशन से की थी। मंत्री ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी है। जज ने कहा कि इस मामले को लेकर अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने की जगह एक ही एफआईआर दर्ज की जाए। दरअसल, वायरल हो रहे एक वीडियो में पोनमुडी कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘महिलाएं, प्लीज इसे गलत मत समझिएगा’। इसके बाद पोनमुडी ने मजाकिया लहजे में बताया कि ‘एक आदमी सेक्स वर्कर के पास गया। महिला ने आदमी से पूछा कि वह शैव है या वैष्णव।’ पोनमुडी ने आगे कहा- वह आदमी नहीं समझा तो महिला ने उससे पूछा कि क्या वह पट्टई (आड़ा तिलक, जो शैव लगाते हैं) लगाता है या नामम (सीधा तिलक, जो वैष्णव लगाते हैं) लगाता है। महिला उसे समझाती है कि अगर आप शैव हैं तो स्थिति लेटी हुई है। अगर वैष्णव हैं तो खड़ी स्थिति हुई।

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कोर्ट में चलाया गया मंत्री का वीडियो

सुनवाई के दौरान पोनमुडी का विवादित टिप्पणी वाला वीडियो कोर्टरूम में चलाया गया। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि उनका बयान वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि मंत्री के पद पर आसीन एक शख्स को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी और ने इस तरह का बयान दिया होता तो उस पर अब तक 50 केस दर्ज हो गए होते।जज ने कहा कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसी तरह हेट स्पीच भी अस्वीकार्य है। बता दें कि विवाद के तूल पकड़ने के बाद डीएमके ने पोनमुडी को उप महासचिव के पद से हटा दिया था। वह फिलहाल तमिलनाडु सरकार में वन मंत्री हैं।

First published on: Apr 18, 2025 10:45 AM

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