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जब 1 वोट से मिली हार के चलते टूटा CM बनने का ख्वाब

अगर आप भी यह सोचते हैं कि आपके एक वोट से क्या होता है, तो आपको यह आपको सीपी जोशी से पूछना चाहिए। जोशी 2008 में सीएम पद के उम्मीदवार थे, लेकिन एक वोट से मिली हार ने उनके सपनों को तोड़ कर रख दिया। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जब प्रत्याशियों की जीत या हार का फैसला एक वोट से हुआ था।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Mar 23, 2024 09:15
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lok sabha election 2024 When candidates lost by one vote
Lok Sabha Election 2024: जब एक वोट से उम्मीदवारों को मिली हार

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है। पहले चरण की सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से वोट डालने की अपील की है। अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर वे वोट नहीं डालने जाएंगे तो क्या फर्क पड़ता है। उनके वोट से कोई प्रत्याशी जीत या हार थोड़ी जाएगा, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि कई बार जीत-हार का फैसला एक वोट से हुआ है। ये मामले कब-कब सामने आए हैं, आइए जानते हैं…

‘हर एक वोट जरूरी होता है’

चुनाव में हर एक वोट जरूरी होता है। आपका एक वोट उम्मीदवार की जीत या हार तय करता है। इसका उदाहरण हमें कर्नाटक और राजस्थान में देखने को मिला, जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला एक वोट से हुआ। पहला मामला, कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2004 का है। यहां सांथेमरहल्ली सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आर ध्रुवनारायण ने जनता दल सेक्युलर (JDS) के ए आर कृष्णमूर्ति को एक वोट से हराया था। ध्रुवनारायण को 40,752, जबकि कृष्णमूर्ति को 40,751 वोट मिले।

सीपी जोशी को 2008 में महज एक वोट से मिली हार

दूसरा मामला, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2008 का है। यहां नाथद्वारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी को महज एक वोट से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें बीजेपी उम्मीदवार कल्याण सिंह चौहान ने हराया। कल्याण सिंह को 62,216 वोट मिले, जबकि जोशी को 62,615 वोट से संतोष करना पड़ा। जोशी को इससे गहरा झटका लगा था, क्योंकि वे उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे।

https://twitter.com/ECISVEEP/status/1771086603345068319

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कांग्रेस विधायक को मिली तीन वोट से हार

इससे पहले भी, कई चुनाव ऐसे हुए, जब प्रत्याशियों की जीत या हार का फैसला 10 से भी कम वोटों से हुआ। मिजोरम में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में तुइवावल सीट पर मिजोरम नेशनल फ्रंट के लालचंदामा राल्ते ने कांग्रेस विधायक आरएल पियानमाविया को तीन वोटों से शिकस्त दी। राल्ते को 5207 वोट मिले, जबकि पियानमाविया को 5204 वोट मिले।

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महज 9 वोट से जीते प्रत्याशी

इसके अलावा, 1989 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को नाथला रामकृष्ण ने आंध्र प्रदेश की अनाकापल्ली सीट से सिर्फ 9 वोटों से जीत हासिल की। वहीं, 1998 लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सोम मरांडी ने बिहार की राजमहल लोकसभा सीट से महज 9 वोटों से जीत हासिल की थी।

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First published on: Mar 23, 2024 09:06 AM

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