Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के लिए मतदान यूं तो 19 अप्रैल से शुरू होगा लेकिन पोस्टल बैलट के जरिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। देश के विभिन्न हिस्सों में 7 अप्रैल से पोस्टल बैलट यानी डाक मत पत्र के जरिए मतदान की शुरुआत हो गई। अलग-अलग राज्यों में निर्वाचन आयोग के कर्मचारी इसके लिए पात्र मतदाताओं के घर पहुंच रहे हैं और उनसे वोट करवा रहे हैं। इस रिपोर्ट में जानिए पोस्टल बैलट से वोटिंग की व्यवस्था क्या है और किन-किन लोगों को इसके तहत घर बैठे वोट डालने की सुविधा मिलती है।
Probably the first postal ballot in Chennai to oust anti people government pic.twitter.com/BiQxeXByrE
---विज्ञापन---— Dr.Kalanidhi Veeraswamy (@DrKalanidhiV) April 8, 2024
किसी लोकतांत्रिक देश में जितना ज्यादा मतदान होता है वहां के लोकतंत्र को उतना ही मजबूत माना जाता है। इसीलिए भारतीय निर्वाचन आयोग हर चुनाव में ऐसी कोशिशें करता है कि मतदाताओं की संख्या बढ़े। कई लोग ऐसे होते हैं जिनके लिए मतदान केंद्र पर पहुंच पाना संभव नहीं होता। ऐसे लोग भी वोट डाल सकें यह सुनिश्चित करने के लिए पोस्टल बैलट व्यवस्था का सहारा लिया जाता है। हालांकि, यह सुविधा हर किसी को नहीं मिलती। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए क्राइटेरिया तय किया है और उसमें आने वाले लोग ही ऐसा कर सकते हैं।
कौन-कौन डाल सकता है घर बैठे वोट?
चुनाव संचालन नियम के सेक्शन 27ए के तहत वरिष्ठ नागरिकों, चुनावी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों, सैन्य कर्मियों और दिव्यांग जनों को पोस्टल बैलट से वोट करने की सुविधा मिलती है। बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों में अभी तक 80 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को यह सेवा दी जाती थी लेकिन इस बार इसे 85 साल किया गया है। आयोग के अनुसार उम्र बढ़ाने का फैसला पिछले 11 विधानसभा चुनावों में वरिष्ठ नागरिकों के वोटिंग पैटर्न को देखते हुए लिया गया है। इनमें 80 साल से ऊपर के करीब 97 प्रतिशत मतदाताओं ने केंद्र पर जाकर वोट दिया था।
Casted my vote (postal ballot) for my country and democracy pic.twitter.com/baVtCFfYPY
— Ajay Pal Lamba IPS (@AjayLamba_IPS) April 8, 2024
देश में बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर कितने?
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान करते समय यह जानकारी भी दी थी कि देश में किस आयु वर्ग में कितने मतदाता हैं। आयोग की ताजा मतदाता लिस्ट के मुताबिक देश में 80 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 1.85 करोड़ है। 85 साल से ज्यादा उम्र वाले वोटर्स की संख्या 85 लाख है। वहीं, 100 साल या इससे ज्यादा आयु वाले मतदाताओं की संख्या 2.38 लाख है। इसके अलावा 88.35 लाख लोग ऐसे हैं जो दिव्यांग हैं। इन्हें घर से वोट डालने की सुविधा मिलती है ताकि वे चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
पोस्टल बैलट के लिए पंजीकरण जरूरी
जो लोग पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने के पात्र हैं उन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराना होता है। रजिस्ट्रेशन कराते समय उन्हें अपने पते के साथ अन्य जानकारियां देनी होती हैं। पंजीकरण के आधार पर निर्वाचन आयोग इन लोगों को कागज पर प्रिंट किया एक विशेष मत पत्र भेजता है। इसी को पोस्टल बैलट कहते हैं। चुनाव कर्मी ये मत पत्र लेकर पात्र व्यक्ति के घर पहुंचते हैं जहां वह अपनी पसंद के दल पर निशान लगाते हैं। इन पत्रों को एक सीलबंद बॉक्स में रखा जाता है। मतगणना की शुरुआत पोस्टल बैलट से ही होती है।
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