Lok Sabha Election 2024 Jammu Kashmir : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस बार अपनी सीट बदल ली है। वह अपनी मातृभूमि वाली उधमपुर-कठुआ लोकसभा सीट के बजाय इस बार अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर उनके सामने महबूबा मुफ्ती हैं। मुफ्ती भी जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इसे देखते हुए अनंतनाग-राजौरी लोकसभा हॉट सीट में बदल गई है। रोचक बात यह है कि दोनों ही नेता अपने राजनीतिक अस्तिस्व के लिए जूझ रहे हैं।
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PDP Chief Mehbooba Mufti will fight Nabi Azad from Anantnag@MehboobaMufti had won from Anantnag in 2004 & 2014. This will be @ghulamnazad debut LS fight after forming his new party
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— Nabila Jamal (@nabilajamal_) April 7, 2024
गुलाम नबी आजाद ने करीब दो साल पहले कांग्रेस का साथ छोड़ अपनी अलग डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया था। जम्मू-कश्मीर में यह उनका दूसरा लोकसभा चुनाव होगा जिसमें वह उम्मीदवार हैं। पिछला चुनाव उन्होंने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर उधमपुर-कठुआ सीट से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तब भाजपा के डॉ. जितेंद्र सिंह ने उन्हें हराया था। इस बार उन्होंने सीट बदली है लेकिन अनंतनाग-राजौरी सीट से महबूबा मुफ्ती दो बार चुनाव जीत चुकी हैं। ऐसे में आजाद की राह आसान नहीं दिख रही।
दो बार जीत चुकी हैं महबूबा मुफ्ती
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 2004 और 2014 के चुनाव में इसी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इस बार उनका मुकाबला गुलाम नबी आजाद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रभावशाली गुज्जर नेता मियां अल्ताफ से है। भाजपा ने अभी तक इस सीट के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। महबूबा ने 5 लोकसभा सीटों वाले इस केंद्र शासित प्रदेश की 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि, राजनीतिक स्थिति महबूबा की भी वैसी ही है जैसी गुलाम नबी आजाद की। इससे मुकाबला रोचक हो गया है।
Congratulations to our party @jkpdp for announcing these leaders for 3 seats in Kashmir.
Party president @MehboobaMufti Youth President @parawahid and our leader @MirMohdFayaz .
People want a change & we have faith you 3 stalwart leaders can bring it.!! InnshaAllah hum jeetga pic.twitter.com/ZAciFESb96— Faisal JKPDP (@pdpPampore) April 7, 2024
आजाद के लिए बहुत अहम है जीत
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर गुलाम नबी आजाद को राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखनी है तो यह चुनाव जीतना उनके लिए बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में हार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को कमजोर करेगी। गुलाम नबी आजाद का एक कमजोर बिंदु यह है कि उनके साथ में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उनकी पार्टी केवल 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के राज में लगभग 20 साल केंद्रीय मंत्री रहे आजाद के लिए यह लोकसभा चुनाव या तो खेवनहार साबित होगा या उनकी राजनीतिक नैया डुबो देगा।
कश्मीर में कांग्रेस की मुश्किल बढ़ी
पिछले लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर की तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार इंडिया गठबंधन की बैठक में प्रस्ताव दिया गया था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस श्रीनगर और बारामुला सीट पर चुनाव लड़े और अनंतनाग को पीडीपी के लिए छोड़ दे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। इससे निराश महबूबा मुफ्ती ने भी तीनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। कांग्रेस यह तय करने की कोशिश कर रही है कि वह यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दे या पीडीपी को। हालांकि, ये दोनों ही दल जम्मू की 2 सीटों पर कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं।
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