Lal Krishna Advani Bharat Ratna Awardi Profile: पाकिस्तान में जन्मे, लेकिन 14 साल की उम्र में जीवन हिन्दुस्तान के नाम कर दिया था। बंटवारे के वक्त पाकिस्तान छोड़कर परिवार भारत आ गया और फिर RSS से जुड़कर लाल कृष्ण आडवाणी ने अपना देशसेवा का सपना पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए। भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर उसे नेशनल पार्टी बनाया।
आज भारतीय जनता पार्टी भारत देश में जिस मुकान पर है, उसका श्रेय लाल कृष्ण आडवाणी को ही जाता है। देश को राम मंदिर अयोध्या भी लाल कृष्ण आडवाणी के कारण मिला। देश की राजनीति में उनका अहम योगदान देखते हुए ही उन्हें भाजपा की मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है। आइए जानते हैं लाल कृष्ण आडवाणी के बार में…
I am very happy to share that Shri LK Advani Ji will be conferred the Bharat Ratna. I also spoke to him and congratulated him on being conferred this honour. One of the most respected statesmen of our times, his contribution to the development of India is monumental. His is a… pic.twitter.com/Ya78qjJbPK
---विज्ञापन---— Narendra Modi (@narendramodi) February 3, 2024
RSS के सेक्रेटरी बनकर राजनीति में आए
ब्रिटिश इंडिया के कराची में जन्मे लाल कृष्ण आडवाणी में देशभक्ति कूट-कूट भरी थी। इसी जज्बे ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। सिर्फ 14 साल के थे, जब उन्होंने मां से कहा कि मैं देशसेवा करूंगा। राजनीति में जाऊंगा, बड़ा नेता बनूंगा। 1947 में भारत-पाक बंटवारे के कारण उनका परिवार भारत आ गया, लेकिन बंटवारे के दर्द को भुलाकर आडवाणी भारतीय बन गए।
आडवाणी ने भारत देश को अपना मानकर इसे एकसूत्र में पिरोने का संकल्प ले लिया। 1947 में भारत आते ही उन्होंने बतौर सेक्रेटरी RSS जॉइन कर ली और राजस्थान में RSS प्रचारक बनकर काम करने लगे। 1980 में भारतीय जनता पार्टी गठित हुई और वे पार्टी से जुड़ गए। उन्होंने पार्टी को खुद को समर्पित कर दिया। उनका एक ही सपना था, भाजपा मजबूत बने और देश को फिर सोने की चिड़िया बनाए।
#WATCH BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर BRS MLC के.कविता ने कहा, “यह अच्छी बात है कि राम मंदिर भी बन गया, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न भी मिल रहा है। भाजपा का एजेंडा पूरा होते हुए नजर आ रहा है, मैं लालकृष्ण आडवाणी को बहुत-बहुत बधाई देती हूं।” pic.twitter.com/0cOHvafNv7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 3, 2024
30 साल सांसद, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री
लाल कृष्ण आडवाणी 1986 से1990 तक, 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। पार्टी गठन के बाद सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले पहले नेता लाल कृष्ण आडवाणी ही रहे। 30 साल तक बतौर सांसद लंबी पारी खेली।
1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह मंत्री रहे। 2002 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में ही वे उप-प्रधानमंत्री रहे। उनकी मेहनत की बदौलत 1992 में भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करके सरकार बनाई और भाजपा सबसे ज्यादा सांसदों वाली पार्टी बनकर उभरी।
राम मंदिर अयोध्या आडवाणी की देन
22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 साल के संघर्ष के बाद बने राम मंदिर अयोध्या का देश को समर्पित किया। इस राम मंदिर के बनने का कारण लाल कृष्ण आडवाणी ही बने थे। वे सोमनाथ से राम रथ यात्रा लेकर निकले और राम भक्तों में राम मंदिर की अलख जगाई।
जेल तक गए, दंगे हुए, रामभक्त मारे गए, लेकिन बाबरी मस्जिद गिराकर ही दम लिया। राम मंदिर की स्थापना कराई। इसके बाद भाजपा ने लगातार राम मंदिर के लिए संघर्ष किया, जिसका ईनाम राम मंदिर अयोध्या के रूप में मिला। आज उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में राम मंदिर बन रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है।