Manipur Violence Update: मणिपुर में लगातार भड़क रही हिंसा के बीच बीरेन सरकार के एक बुरी खबर सामने आई है। यहां भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस ने रविवार को मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। जानकारी के अनुसार, मणिपुर में हिंसा के कारण पिछले तीन महीनों में करीब 200 लोगों की जान चली गई है।
विधायकों ने राज्यपाल को भेजा पत्र
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केपीए प्रमुख टोंगमांग हाओकिप की ओर से राज्य के राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मौजूदा टकराव पर विचार करने के बाद सीएम एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार के लिए निरंतर समर्थन अब निरर्थक नहीं है। बताया गया है कि इस पार्टी के पास मणिपुर विधानसभा में दो सीटें हैं। कुकी विधायक विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो सकते हैं।
Kuki People’s Alliance withdraws support from Manipur CM Biren Singh’s government.
Kuki People’s Alliance General Secretary WL Hangshing confirms to ANI about emailing the letter to Manipur Governor, withdrawing support from CM Biren Singh’s government. pic.twitter.com/MKD5P65Xls
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 6, 2023
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21 अगस्त को बुलाया गया है विस सत्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले समुदाय के नेताओं ने कहा था कि जातीय हिंसा को देखते हुए अधिकांश कुकी विधायकों की उनकी पार्टी से संबद्धता के बावजूद 21 अगस्त से बुलाए जाने वाले मणिपुर विधानसभा सत्र में भाग लेने की संभावना नहीं है।
विधायकों ने कहा- आगामी सत्र में आना संभव नहीं
बताया गया है कि चल रहे दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर के भाजपा विधायक एलएम खौटे ने कहा कि मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, आगामी सत्र में भाग लेना मेरे लिए संभव नहीं होगा। खौटे ने कहा कि हिंसा के कारण सुरक्षा की कमी को देखते हुए सभी कुकी-ज़ोमी-हमर विधायकों के लिए सत्र में भाग लेना संभव नहीं होगा।
ये है मणिपुर विधानसभा सीटों का गणित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 सदस्यों वाले मणिपुर सदन में कुकी-जोमी के 10 विधायक हैं, जिनमें भाजपा के सात, कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के दो और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। कुल मिलाकर भाजपा के पास 37 विधायक हैं और उसे 7 एनपीपी विधायकों, पांच एनपीएफ विधायकों और तीन स्वतंत्र विधायकों का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी विधायकों में कांग्रेस के पांच और जदयू का एक विधायक शामिल हैं।
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