पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से ही अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रामनवमी पर श्रीराम का भव्य जुलूस निकालने का ऐलान किया है। इस बीच पुलिस ने हावड़ा में विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी को रामनवमी की रैली निकालने की इजाजत नहीं दी। इस पर हिंदू संगठनों ने कोलकाता हाई कोर्ट में पुलिस के इस दिशानिर्देश के खिलाफ याचिका दाखिल की।
कोलकाता हाई कोर्ट ने हावड़ा में हिंदू संगठनों को रामनवमी पर जुलूस निकालने की अनुमति दी, लेकिन इसके लिए शर्तें तय कर दी गई हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि हावड़ा में पुराने रूट पर रामनवमी रैली निकाल सकते हैं, लेकिन हथियारों की अनुमति नहीं रहेगी। साथ ही बाइक की रैली नहीं निकाली जाएगी और जुलूस निकालने वालों को पुलिस की गाइडलाइन को फॉलो करना पड़ेगा।
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दूसरे साल भी खड़ा हुआ विवाद
आपको बता दें हावड़ा में पिछले 15 सालों से रामनवमी पर जुलूस निकालने की परंपरा रही, लेकिन दूसरे साल भी विवाद खड़ा हो गया। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए जीटी रोड के मार्ग से रामनवमी की शोभायात्रा निकालने से मना कर दिया। इसके बाद अंजनी पुत्र सेना नामक संगठन ने कोलकाता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पारंपरिक मार्ग से जुलूस निकालने की अनुमति मांगी।
HC ने सशर्त दी इजाजत
हाई कोर्ट ने पारंपरिक मार्ग से रामनवमी रैली निकालने की सशर्त इजाजत दे दी। इसे लेकर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन ने लगातार दूसरे साल भी जुलूस पर रोक लगाई। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार को जय श्री राम के नारे से कोई दिक्कत है क्या। हालांकि, मुख्यमंत्री ने रामनवमी पर शांति की अपील की है और कहा- पूजा करने का सबको अधिकार है, लेकिन दंगे नहीं होने चाहिए।
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