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Ban on PFI: जानिए क्या है पीएफआई जिसे सरकार को करना पड़ा बैन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन RIF, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 28, 2022 12:16
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन RIF, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन , नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है।

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पीएफआई और सहयोगी संगठनों पर लगा 5 साल का बैन

इस संगठन के खिलाफ देशभर में पिछले कई दिनों से छापेमारी चल रही थी, जिसके बाद ये बड़ी कार्रवाई की गई है। पीएफआई को गैर कानूनी संगठन घोषित करते हुए अगले पांच साल के लिए बैन लगाया गया है। साथ ही इससे जुड़े तमाम दूसरे संगठनों पर भी ये प्रतिबंध लागू होगा। इससे पहले एनआईए की तरफ से देशभर के तमाम राज्यों में इस संगठन के खिलाफ छापेमारी की गई थी, इस छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत एजेंसियों के हाथ लगे। जिसमें टेरर लिंक के आरोप भी शामिल हैं।

छापे में एनआईए को मिले कई अहम सबूत

दरअसल पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), कई राज्यों की पुलिस और अन्य एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। पिछले दिनों NIA ने केरल से पीएफआई सदस्य शफीक पैठ को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में खुलासा हुआ था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली पॉपुलर फ्रंट ऑफि इंडिया के टारगेट पर थी। इसके अलावा महाराष्ट्र में NIA के साथ मिलकर छापेमारी करने वाले ATS सूत्रों ने ये भी बताया कि PFI संघ के बड़े नेताओं को निशाना बनाने वाला था और संघ के मुख्यालय की भी रेकी की गई थी।

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ऐसे हुआ था पीएफआई का जन्म

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों को आपस में विलय कर बना गया था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल था। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

कई राज्यों में सक्रिय है यह पीएफआई

फिलहाल देश के 23 राज्यों यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। शुरुआत में पीएफआई का मुख्यलय केरल के कोझिकोड में था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया। फिलहाल ओएमए सलाम इसके अध्यक्ष और ईएम अब्दुल रहीमान उपाध्यक्ष है।

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ज्यादा जानकारी के लिए देखिए न्यूज 24 की ये रिपोर्ट

 

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Written By

Pankaj Mishra

First published on: Sep 28, 2022 10:47 AM

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