Karnataka Political Reshuffle: कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर एक बार फिर से सुगबुगाहट तेज हो गई है. कुनिगल से कांग्रेस विधायक एच.डी. रंगनाथ ने बुधवार को कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन पर बहस को फिर से हवा दी है. उन्होंने कहा, वह अपने “राजनीतिक गुरु” उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को एक दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी आलाकमान को 2023 में 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 140 सीटें दिलाने में शिवकुमार की भूमिका को मान्यता देनी चाहिए.
शिवकुमार को कर्नाटक का नेतृत्व करना चाहिए- रंगनाथ
रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे लिए, मेरे राजनीतिक गुरु डीके शिवकुमार हैं. हमने देखा है कि उन्होंने कैसे समाज सेवा की, प्रशासनिक कौशल हासिल किया और विकास कार्य किए’. उन्होंने आगे कहा, आज हर नेता कहता है कि कांग्रेस को (कर्नाटक विधानसभा में) 140 सीटें उनके प्रयासों से मिलीं. इसलिए पार्टी आलाकमान को उनके लिए उचित पद और मान्यता तय करनी चाहिए. विधायक ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि शिवकुमार, जो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, को अंततः कर्नाटक का नेतृत्व करना चाहिए.
उन्होंने कहा, यह स्वाभाविक है कि आलाकमान को कांग्रेस कार्यकर्ताओं, कर्नाटक के मतदाताओं की इच्छा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि “आने वाले दिनों में” यह वास्तविकता बन जाएगा.
जनसेवा के प्रति शिवकुमार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए रंगनाथ ने कहा, मुझे कोई ऐसा नेता दिखाइए जो सुबह 8 बजे से 3 बजे तक मेहनत करता हो. उसे ईश्वर और पार्टी आलाकमान का आशीर्वाद प्राप्त है और उसने लोगों का प्यार और विश्वास जीता है, इसलिए वह मुख्यमंत्री बनेगा.’
CM सिद्धारमैया की भी तारीफ
जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कब होगा, तो रंगनाथ ने जवाब दिया कि वह ‘ऐसी भविष्यवाणियां करने के लिए बहुत छोटे हैं’ और यह फैसला आलाकमान को करना है. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अभी हमारे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य की गरीब जनता को ध्यान में रखते हुए पांच गारंटी लागू की हैं, जो देश के लिए एक आदर्श है, लेकिन आने वाले दिनों में डी.के. शिवकुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे’.
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवकुमार इस साल नवंबर में मुख्यमंत्री बनेंगे, रंगनाथ ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यह फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है’.
कांग्रेस नेताओं को हो चुका है नोटिस जारी
मांड्या के पूर्व सांसद एल.आर. शिवराम गौड़ा ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि शिवकुमार के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है.
कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर सार्वजनिक रूप से बोलने के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी नेतृत्व की ओर से कड़ी चेतावनी के बावजूद ये ताजा टिप्पणियां सामने आई हैं. कई नेताओं को ऐसी टिप्पणियों के लिए पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है.
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5 साल का कार्यकाल करूंगा पूरा- CM सिद्धारमैया
इस साल 11 जुलाई को, सिद्धारमैया ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे मध्यावधि समझौते की अटकलों पर विराम लग गया.
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘लोग कहते रहते हैं कि नवंबर में ढाई साल पूरे हो जाएंगे. मैं कहना चाह रहा हूं कि आलाकमान का जो भी फैसला हो, हमें उसका पालन करना होगा. अगले साल मैसूर दशहरा पर मैं फूल क्यों न चढाऊं? मुझे उम्मीद है कि मैं चढाऊंगा. मैं इतने सालों से यही करता आ रहा हूं. मैंने ढाई साल पूरे कर लिए हैं और अगले ढाई साल तक सत्ता में बना रहूंगा.’