Karnataka Election 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है। ऐसे में सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार में जुटी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गोरता में गोरता शहीद स्मारक और सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक के उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने 103 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
संविधान में धार्मिक आरक्षण की व्यवस्था नहीं
अमित शाह ने कहा कि कभी बीदर के इस क्षेत्र में तिरंगा लहराने पर हैदराबाद के निजाम ने लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। साथ ही उन्होंने एक दिन पहले खत्म किए चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के कदम को भी जायज ठहराया। शाह ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें धर्म के आधार पर आरक्षण दिया जाए।
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#WATCH कल ही भाजपा सरकार ने आरक्षण में बदलाव करने का फैसला लिया। कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक को खुश करने के लिए 4% अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया था, उसको हटा कर हमने 2% वोगललिग्गा और 2% वीरशैव और लिंगायत को आरक्षण देने का काम किया है। अल्पसंख्यकों को आरक्षण देना संविधान के अनुसार… pic.twitter.com/ZPxkZMwXIV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 26, 2023
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एक दिन पहले कर्नाटक सरकार ने हटाया आरक्षण
बीते शुक्रवार को कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर दिया और इसे दो प्रमुख समुदायों वीरशैवा-लिंगायत और वोक्कलिगास में बांट दिया।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि कल ही भाजपा सरकार ने आरक्षण में बदलाव करने का फैसला लिया। कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक को खुश करने के लिए 4% अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया था, उसको हटा कर हमने 2% वोगललिग्गा और 2% वीरशैव और लिंगायत को आरक्षण देने का काम किया है।
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कांग्रेस ने कर्नाटक में की धुव्रीकरण की राजनीति
अमित शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया था। वोट बैंक के लालच में उन्होंने कभी भी उन लोगों को याद नहीं किया जिन्होंने हैदराबाद की आजादी के बलिदान किया था।
शाह ने गोराता गांव के बलिदान को किया याद
शाह ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि अगर वे नहीं होते तो हैदराबाद कभी भी भारत का अंग नहीं होता। शाह ने गोराता गांववासियों के बलिदान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि निजाम की क्रूर सेना ने 2.5-फीट ऊंचे तिरंगे को फहराने वालों को मौत के घाट उतार दिया था। आज मैं गर्व से कहता हूं कि उसी भूमि पर हमने एक 103-फीट लंबा तिरंगा फहराया है, जिसे किसी से छिपाया नहीं जा सकता है।