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‘केंद्र सरकार चाहती है कि कश्मीरी पंडित वापस कश्मीर लौटें’, नवरेह के अवसर पर क्या बोले LG मनोज सिन्हा?

जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने नवरेह के अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर पंडितों की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर काम कर रही है।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Mar 30, 2025 22:38
LG Manoj Sinha
कश्मीरी पंडितों की वापसी पर क्या बोले एलजी मनोज सिन्हा?

केंद्र सरकार प्रवासियों की वापसी को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापस लाने के लिए लगातार काम कर रही है और उनकी वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कश्मीरी पंडित सभा में हिंदू नववर्ष (नवरेह) के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।

एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जब कश्मीर लौटने की बात आती है तो मेरा मानना ​​है कि यह एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए। केंद्र सरकार चाहती है कि आप वापस लौटें और हम इसके लिए लगातार बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एलजी सिन्हा ने कश्मीरी पंडित समुदाय को नवरेह की बधाई देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को देश में शारदा पीठ के रूप में जाना जाता है। अगली पीढ़ी को नारी शक्ति के लिए इन 9 दिनों को मनाने का संकल्प लेना चाहिए।

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भारत का आध्यात्मिक केंद्र है जम्मू कश्मीर : LG

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का आध्यात्मिक केंद्र है। लोगों और कई महापुरुषों ने इस भूमि पर आध्यात्मिक साधना की है। नवरेह उत्सव आध्यात्मिकता, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। एलजी ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए कई कदम उठाए हैं। कश्मीरी पंडितों के लिए 3000 अतिरिक्त सरकारी नौकरियों का सृजन और कश्मीर घाटी में 6000 ट्रांजिट आवासों का निर्माण किया गया है, जिसमें क्रमशः 1080 करोड़ रुपये और 920 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

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किरेन रिजिजू से मिले थे कश्मीरी पंडित

आपको बता दें कि पिछले महीने अपने अध्यक्ष रविंदर पंडिता के नेतृत्व में अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (AIKS) के लोग नई दिल्ली में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मिले थे। इस दौरान AIKS ने कश्मीरी पंडित घोषित करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा था। कश्मीरी पंडितों को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में मान्यता देने और जम्मू- कश्मीर क्षेत्र में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना की मांग की थी।

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First published on: Mar 30, 2025 10:38 PM

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