Baramulla Lok Sabha Election: जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर राशिद शेख की जीत हुई है। यहां से उमर अब्दुल्ला चुनाव हार गए हैं। उनको पटकनी देने वाले शेख फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनको टेरर फंडिंग के मामले में सजा हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार हर किसी को चौंका दिया है। यूपी समेत कई राज्यों में कांग्रेस गठबंधन को काफी समर्थन मिला है। भाजपा को यूपी समेत कई राज्यों में उम्मीदों के मुताबिक वोट नहीं मिले हैं। जो किसी झटके से कम नहीं है।
उमर अब्दुल्ला जेएंडके के पूर्व सीएम रह चुके हैं। जो इस बार खुद की लोकसभा सीट नहीं बचा सके हैं। वहीं महबूबा मुफ्ती भी चुनाव हार गई हैं। उमर को बारामूला और महबूबा को अनंतनाग से करारी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। उमर को हराने वाले शेख लोगों के बीच सक्रिय बताए गए हैं। जिसके चलते इस सीट से समीकरण बदल गया। चुनाव आयोग जो आंकड़े पेश कर रहा है, उसके अनुसार अभी उमर अब्दुल्ला अपनी सीट पर दो लाख और महबूबा मुफ्ती अपनी सीट पर लगभग ढाई लाख वोटों से पीछे हैं।
दोनों की हार तय है। बारामूला में साजिद लोन तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। वे जम्मू कश्मीर पीपल कॉन्फ्रेंस पार्टी से कैंडिडेट बनाए गए हैं। वहीं, उमर ने मीडिया के सामने अपनी हार स्वीकार कर ली है। महबूबा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मियां अल्ताफ अहमद ने करारी हार दी है। दोनों के बीच काफी गैप है।
2019 में एनआईए ने किया था गिरफ्तार
अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद दो बार एमएलए रह चुके हैं। उन्होंने राज्य में अवामी इत्तेहाद पार्टी का गठन किया था। राशिद के अलावा बारामूला से 21 लोगों ने इलेक्शन लड़ा है। राशिद को एनआईए की ओर से 2019 में गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ टेरर फंडिंग के गंभीर आरोप लगे थे। उनके दो बेटे अबरार रशीद और असरार रशीद ने पिता की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार किया था। राशिद ने 2008 और 2014 में लंगेट विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्होंने 2019 में भी लोकसभा इलेक्शन लड़ा था, जिसमें हार का सामना करना पड़ा था।