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नोएडा में बनी भारत की सबसे बड़ी शटलकॉक, अब अमेरिका को मिलेगी टक्कर

नोएडा के सेक्टर 21ए में स्थित नोएडा स्टेडियम में इंडोर स्टेडियम के सामने बैडमिंटन की शटलकॉक बनाई गई है। अभी तक ऐसी शटलकॉक अमेरिका में बनी थी। भारत इतनी ऊंची शटलकॉक बनाने वाला दूसरा हो गया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Aug 8, 2025 20:51
नोएडा में बनी भारत की सबसे बड़ी शटलकॉक। फोटो क्रेडिट- न्यूज24

खेलों की दुनिया में नोएडा में शुमार हो गया है। नोएडा में बैडमिंटन के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। सेक्टर 21ए में स्थित नोएडा स्टेडियम में इंडोर स्टेडियम के सामने बैडमिंटन की शटलकॉक बनाई गई है। इसकी ऊंचाई 15 फीट है। अधिकारियों का दावा है कि शटलकॉक की यह आकृति भारत में सबसे बड़ी है। इसका वजन करीब 800 किलो है। इसकी गोलाई करीब 32 फीट है। अथॉरिटी के डीजीएम विजय रावल ने बताया कि युवाओं में बैडमिंटन का क्रेज काफी है। युवाओं को जोड़ने के लिए यह शटलकॉक बनाई गई है। अमेरिका में 18 फीट की ऐसी शटलकॉक बनी है। अमेरिका के बाद भारत में ऐसी शटलकॉक बनाई गई। इससे विश्व में भारत दूसरे स्थान पर है।

दुनिया में दूसरे नंबर पर नोएडा

स्टेडियम में शटलकॉक बनाने वाली एजेंसी ने बताया कि भारत में यह शटलकॉक पहली बार बनी है। इससे पहले ऐसी शटलकॉक केवल अमेरिका में है। वर्ल्ड रिकॉर्ड अकादमी के अनुसार, अमेरिका के मिसौरी राज्य में कैनसस सिटी स्थित नेल्सन-एटकिंस कला संग्रहालय अपनी विशाल शटलकॉक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। क्लेस ओल्डेनबर्ग और कूसजे वैन ब्रुगेन ने यहां 18 फुट ऊंचाई की 4 शटलकॉक बनी है। यह संग्रहालय के उत्तरी लॉन में है। हर शटलकॉक का वजन करीब 5,000 पाउंड है।

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10 लाख रुपये आई लागत

शटलकॉक का निर्माण नोएडा अथॉरिटी ने करवाया है। इसे बनाने में करीब 20 दिन का समय लगा। शटलकॉक का निर्माण नोएडा में ही किया गया है। इसे बनाने में करीब 10 लाख रुपये की लागत आई है। 15 फीट ऊंची शटलकॉक का गोलाकार भाग करीब 33 फीट है। पंख और स्टैंड दोनों के लिए लोहे के ढांचे का उपयोग किया गया है। साथ ही टिकाऊ और आकर्षण बनाने के लिए फाइबर फिनिशिंग की गई है। रात के लिए शटलकॉक में लाइटें भी लगीं हैं।

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2018 में शुरू हुई थी पहल

साल 2018 में नोएडा में वेस्ट से कलाकृतियां बनाने की शुरुआत हुई थी। उस समय अथॉरिटी में राजीव त्यागी जीएम थे। सबसे पहले महामाया फ्वाईओवर के पास कबाड़ प्लास्टिक से चरखा और शांति स्पूत बनाया गया था।

पेटेंट कराई जाएगी शटलकॉक

डीजीएम विजय रावल ने बताया कि यह शटलकॉक युवाओं में बैडमिंटन लिए मोटिवेशन देने का काम करेगी। नोएडा स्टेडियम को बेहतर बनाने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं। शटलकॉक ने जो रिकॉर्ड बनाया है, उसे पेटेंट कराया जाएगा।

जिले में 3500 बैडमिंटन खिलाड़ी

जिला बैडमिंटन असोसिशन के सचिव आनंद खरे ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में बैडमिंटन के 3500 से ज्यादा खिलाड़ी हैं। इसमें नीर नेहवाल, चिराग सेठ, सोनाली सिंह, हर्षित जैसे इंटरनेशनल प्लेयर हैं। इसके अलावा कई नेशनल प्लेयर हैं।

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First published on: Aug 08, 2025 08:24 PM

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