India Vs Pakistan Nuclear Power: परमाणु बम यूरेनियम या प्लूटोनियम, से बनाया जाता है। जब इन पदार्थों के परमाणु टूटते हैं न्यूक्लियर फिशन होता है, जो क्रिया एटम बम में होती है। वहीं, जब परमाणु आपस में जुड़ते हैं तब न्यूक्लियर फ्यूजन होता है, जो हाइड्रोजन बम में होती है। इसकी ताकत को किलोटन या मेगाटन में मापा जाता है।
एक किलोटन 1000 टन टीएनटी (विस्फोटक) के बराबर होता है, और एक मेगाटन 10 लाख टन टीएनटी के बराबर होता है। एक 50 किलोटन का बम किसी मध्यम आकार के शहर को पूरी तरह तबाह कर सकता है। परमाणु बम ब्लास्ट से निकलीं तेज तेज हवाएं सब कुछ उड़ा देती हैं, गर्मी से आग लगती है, और रेडिएशन से लोग बीमार पड़ते हैं। ये तीनों मिलकर ऐसी तबाही मचाते हैं कि उसका असर सालों तक रहता है। भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के पास ऐसे बम हैं, जो पूरे क्षेत्र को बर्बाद कर सकते हैं।
कितनें पावरफुल हैं भारत के परमाणु बम
भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है, जिसने अपनी ताकत को पिछले कई सालों में बढ़ाया है। 2024 की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास 172 परमाणु बम हैं। इनमें से कुछ बम 15 किलोटन से लेकर 200-300 किलोटन तक की ताकत रखते हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत के पास हाइड्रोजन बम (न्यूक्लियर फ्यूजन) (थर्मोन्यूक्लियर) भी हैं, जो सामान्य परमाणु बमों से कहीं ज्यादा ताकतवर होते हैं। हाइड्रोजन बम इतनी तबाही मचा सकते हैं कि एक ही बम से कराची या लाहौर जैसे शहर पूरी तरह खत्म हो सकते हैं। भारत ने 1998 में पोखरण-II में पांच परमाणु टेस्ट किए थे, जिसमें एक हाइड्रोजन बम भी शामिल था, जिसकी ताकत 45-50 किलोटन थी, लेकिन अब भारत के पास और भी ताकतवर बम होने का अनुमान है।
कई तरीकों से अटैक कर सकता है भारत
भारत के पास अलग-अलग तरीकों से बम पहुंचाने की ताकत है। मिसाइलों में अग्नि-5 (5000-8000 किमी रेंज) पूरे पाकिस्तान को निशाना बना सकती है। पृथ्वी-2 (350 किमी) और अग्नि-1 (700 किमी) छोटे दायरे के लिए हैं, जो लाहौर या इस्लामाबाद को आसानी से निशाना बना सकते हैं।
भारत की पनडुब्बियां, जैसे INS अरिहंत और INS अरिघाट, समुद्र से K-4 मिसाइल (3500 किमी) दाग सकती हैं। इसके अलावा, मिराज 2000H और राफेल जैसे विमान भी परमाणु बम ले जा सकते हैं। भारत की नीति ‘नो फर्स्ट यूज’ है, यानी वह पहले हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर कोई और हमला करे, तो भारत जवाब में भारी तबाही मचा सकता है। भारत का ट्रायड सिस्टम (जमीन, समुद्र, हवा) उसे बहुत ताकत देता है।
कितने शक्तिशाली हैं पाकिस्तान के परमाणु बम
पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति वाला देश है और उसने अपनी ताकत को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 2024 की SIPRI रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास 170 परमाणु बम हैं, जो भारत से सिर्फ 2 कम हैं। इन बमों की ताकत ज्यादातर 3-50 किलोटन के बीच है।
पाकिस्तान के पास हाइड्रोजन बम होने का कोई ठोस सबूत नहीं है, और उसके ज्यादातर बम न्यूक्लियर फिशन पर आधारित हैं, जो भारत के बमों से कम ताकतवर हैं। 1998 में पाकिस्तान ने छगई-I में छह परमाणु टेस्ट किए थे, जिनमें सबसे ताकतवर बम 25-40 किलोटन का था। इसका मतलब है कि पाकिस्तान के बम भारत के बमों की तुलना में कम नुकसान कर पाएंगे।
इनसे कर सकता है पाकिस्ताम परमाणु हमला
पाकिस्तान की मिसाइलें, जैसे शाहीन-3 (2700 किमी), भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, और चेन्नई को निशाना बना सकती हैं। छोटी रेंज की मिसाइलें, जैसे नस्त्र और गजनवी (60-320 किमी), कुछ आसपास की जगहों को निशाना बना सकती हैं। पाकिस्तान के पास F-16 और JF-17 जैसे विमान हैं, जो परमाणु बम ले जा सकते हैं, लेकिन उसके पास परमाणु-सक्षम पनडुब्बियां नहीं हैं, जो उसकी कमजोरी है।
पाकिस्तान की नीति में पहले हमला का विकल्प है, यानी अगर उसे लगे कि वह युद्ध में हार रहा है, तो वह पहले परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है। यह रणनीति भारत के लिए खतरा हो सकती है, लेकिन भारत की मिसाइल डिफेंस सिस्टम, जैसे S-400, कुछ हमलों को रोक सकती है।
कौन है ज्यादा पावरफुल
भारत और पाकिस्तान की परमाणु ताकत में कई अंतर हैं। भारत के पास 172 बम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170, यानी संख्या में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन भारत के बम ज्यादा ताकतवर हैं, खासकर थर्मोन्यूक्लियर बम (200-300 किलोटन) की वजह से, जो पाकिस्तान के 3-50 किलोटन के बमों से कहीं ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।
भारत का ट्रायड सिस्टम (जमीन, समुद्र, हवा) उसे ज्यादा लचीलापन देता है, क्योंकि वह तीनों रास्तों से हमला कर सकता है। पाकिस्तान के पास समुद्र से हमला करने की क्षमता नहीं है, और उसका मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी कमजोर है। भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति उसे रक्षात्मक बनाती है, लेकिन जवाबी हमले में वह पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान की नीति उसे आक्रामक बनाती है, लेकिन भारत की मजबूत डिफेंस सिस्टम इस खतरे को कम कर सकती है। भारत की अग्नि-5 और पनडुब्बियां उसे रणनीतिक फायदा देती हैं, जबकि पाकिस्तान की छोटी रेंज की मिसाइलें सीमावर्ती इलाकों के लिए ज्यादा खतरनाक हैं। कुल मिलाकर, भारत की परमाणु ताकत पाकिस्तान से ज्यादा मजबूत और ताकतवर है, लेकिन दोनों देशों के पास इतने बम हैं कि युद्ध में दोनों को भारी नुकसान होगा।
तबाह हो जाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान को भी परमाणु युद्ध में भारी नुकसान होगा, और भारत की ताकतवर बमों की वजह से यह नुकसान और गहरा हो सकता है। भारत अपने 172 बमों में से 50 का इस्तेमाल करता है और कराची, लाहौर, और इस्लामाबाद जैसे शहरों को निशाना बनाता है। एक 100 किलोटन का बम कराची (2 करोड़ आबादी) में 7-10 किमी तक सब कुछ तबाह कर सकता है। 10-15 लाख लोग तुरंत मर सकते हैं। गर्मी से आग फैलेगी, और रेडिएशन से सिन्ध प्रांत के कई हिस्से जहरीले हो जाएंगे। कराची का बंदरगाह और व्यापार खत्म हो जाएगा।
लाहौर (1.3 करोड़ आबादी) पर अगर बम गिरे, तो भारत की पृथ्वी-2 मिसाइल 5-10 लाख लोगों को मार सकती है। रेडिएशन से पंजाब प्रांत के गांव और शहर प्रभावित होंगे। अगर भारत 50 बम इस्तेमाल करे, तो पाकिस्तान में 2-4 करोड़ लोग तुरंत मर सकते हैं। रेडिएशन और आग से 4-6 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा पूरी तरह खत्म हो सकता है। पाकिस्तान का कमजोर मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत के हमलों को रोकने में नाकाम रह सकता है। पाकिस्तान की छोटी आबादी और कम संसाधनों की वजह से वह इस नुकसान से उबरने में ज्यादा समय लेगा। काफी संभावना हैं कि पाकिस्तान पूरी तरह से तबाह हो जाए।
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