भारत का अपना लड़ाकू विमान Tejas अब और भी ज्यादा ताकतवर और आधुनिक रूप में तैयार हो रहा है Tejas Mk1A के रूप में। यह विमान सिर्फ दुश्मनों पर हमला नहीं करेगा, बल्कि हवा में ही ईंधन भरकर लंबी दूरी तक उड़ान भी भर सकेगा। नए रडार, बेहतर सुरक्षा सिस्टम और हाई टेक्नोलॉजी से लैस यह फाइटर जेट भारत को रक्षा के क्षेत्र में और आत्मनिर्भर बनाएगा। पहली बार एक निजी भारतीय कंपनी ने इसके सबसे अहम हिस्से को तैयार किया है। आइए जानते हैं इस फाइटर जेट की क्षमताएं और आखिर कब तक ये वायुसेना को मिलेगा?
स्वदेशी लड़ाकू विमान Tejas
भारत ने स्वदेशी लड़ाकू विमान Tejas लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) को विकसित करके रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह विमान एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिजाइन किया गया है और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाया गया है। Tejas एक हल्का, एकल इंजन वाला, सुपरसोनिक फाइटर जेट है जो हवाई सुरक्षा, जमीन पर हमला और टोह लेने जैसे कई मिशनों को अंजाम दे सकता है। इसे कम रनवे से उड़ान भरने और एडवांस वेपन सिस्टम (advanced weapon systems) के साथ लड़ाई में उतरने के लिए डिजाइन किया गया है।
#India‘s new fighter jet Tejas MK-1A completed maiden flight today
👍🇮🇳👍The MK-1A is an improved version of the MK-1, featuring an AESA radar & over 40 improvements over the MK1. Initial mass production is ongoing.
---विज्ञापन---83 Tejas MK1A fighters ordered & 97 more to follow later.… pic.twitter.com/gEuOSVaKTG
— Indo-Pacific News – Geo-Politics & Defense (@IndoPac_Info) March 28, 2024
हाई टेक्नोलॉजी से लैस है Tejas Mk1A
Tejas Mk1A, Tejas विमान का एक नया और बेहतर मॉडल है। इसमें कई नए और आधुनिक फीचर्स जोड़े गए हैं। जैसे…
- इसमें एक खास रडार लगा है जिसे AESA रडार कहते हैं, जो दुश्मन को जल्दी पकड़ सकता है।
- इसमें नया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जो दुश्मन के हमलों से बचने में मदद करता है।
- यह लंबी दूरी की मिसाइलें चला सकता है।
- इसे हवा में ही उड़ते समय ईंधन दिया जा सकता है, जिससे यह ज्यादा देर तक उड़ सकता है।
Tejas Mk1A सिर्फ ताकतवर ही नहीं है, बल्कि इसे ठीक करना और बनाए रखना भी पहले से आसान है। अब इसके ज्यादातर पार्ट भारत में ही बन रहे हैं। भारतीय वायुसेना आने वाले समय में बड़ी संख्या में Tejas Mk1A को अपने बेड़े में शामिल करने वाली है। इससे पुराने विमान जैसे MiG-21 और MiG-27 को हटाया जा सकेगा।
निजी कंपनी का योगदान
30 मई 2025 को भारत में एक बड़ा और खास काम हुआ। एक निजी भारतीय कंपनी VEM Technologies ने तेजस Mk1A लड़ाकू विमान के लिए पहला ‘सेंटर फ्यूसेलाज’ HAL को सौंपा। ‘सेंटर फ्यूसेलाज’ विमान का वह हिस्सा होता है जो सबसे जरूरी होता है। इसमें पायलट का कॉकपिट होता है, ईंधन रखने की जगह होती है और इसके साथ पंख भी जुड़े होते हैं। यह पहली बार है जब किसी निजी भारतीय कंपनी ने तेजस के इतने अहम हिस्से को बनाया है। इससे तेजस बनाने के लिए एक चौथी नई फैक्ट्री लाइन शुरू हो गई है, जिससे तेजस विमान अब और जल्दी तैयार हो सकेंगे। इससे वायुसेना को समय पर विमान मिल सकेंगे, जो देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
The Hindustan Aeronautics Limited (#HAL) Nashik division has successfully rolled out its 1st Tejas Mk1A fighter jet.
Mark 1A are equipped with EL/M-2052/Uttam AESA radar, self-protection jammer, radar warning receiver, as well as being able to mount an external ECM pod. pic.twitter.com/1cOAqYY74d— Defence Decode® (@DefenceDecode) May 8, 2025
Tejas का इंजन और भविष्य की योजना
Tejas लड़ाकू विमान में अभी अमेरिका का General Electric का F404-GE-IN20 इंजन लगा है। यह इंजन Tejas को बहुत तेज, यानी Mach 1.8 की रफ्तार (आवाज से करीब दो गुना ज्यादा) तक उड़ने की ताकत देता है। लेकिन भारत अब खुद का इंजन भी बना रहा है, जिसका नाम है ‘कावेरी इंजन’। इसे DRDO की मदद से तैयार किया जा रहा है। इससे भारत को भविष्य में दूसरे देशों के इंजनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। Tejas सिर्फ भारत की वायुसेना को ही ताकत नहीं देता, बल्कि यह एक सस्ता और आधुनिक लड़ाकू विमान है, जिसे दुनिया के कई दोस्त देश भी खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। Tejas अब भारत की टेक्नोलॉजी और आत्मनिर्भरता का एक बड़ा उदाहरण बन गया है।
Tejas Mk-1A का पहला विमान जल्द वायुसेना को मिलेगा
भारतीय वायुसेना (IAF) को जल्दी ही स्वदेशी टेक्नोलॉजी से बना Tejas Mk-1A लड़ाकू विमान मिलने वाला है। यह विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है। HAL ने कहा है कि जून के अंत तक यह पहला Tejas Mk-1A विमान नासिक के प्लांट से तैयार होकर वायुसेना को सौंप दिया जाएगा। यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कई रक्षा प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। Tejas Mk-1A की डिलीवरी वायुसेना के लिए एक बड़ी बात मानी जा रही है, क्योंकि यह विमान पहले मार्च 2024 तक मिलने वाला था। लेकिन अब यह लगभग एक साल की देरी के बाद जून 2025 में मिलने जा रहा है।
इंजन की कमी से प्रोजेक्ट में हुई देरी
Tejas Mk-1A विमान बनाने में देरी की एक बड़ी वजह अमेरिका की GE एयरोस्पेस कंपनी से मिलने वाले F404 इंजन की सप्लाई में रुकावट रही है। जब ये इंजन समय पर नहीं मिले, तो पूरे प्रोजेक्ट में देरी हो गई। अब HAL ने Tejas विमानों का निर्माण तेज करने के लिए नासिक में एक नई फैक्ट्री शुरू की है। इससे पहले बेंगलुरु में दो फैक्ट्रियां पहले से काम कर रही थीं। अब नासिक की यह नई यूनिट हर साल 8 Tejas विमान बना सकती है लेकिन यह तभी होगा जब इंजन समय पर मिलते रहें।
वायुसेना प्रमुख ने देरी पर HAL को दी कड़ी चेतावनी
वायुसेना ने फरवरी 2021 में HAL के साथ ₹48,000 करोड़ का करार किया था, जिसमें 83 Tejas Mk-1A फाइटर जेट खरीदने का समझौता हुआ था। इस करार के तहत मार्च 2024 तक पहला विमान मिलना था, लेकिन अब तक डिलीवरी नहीं हुई। एयर चीफ मार्शल सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि ‘हर बार जब भी कोई डेडलाइन दी जाती है, वो कभी पूरी नहीं होती। जब हमें पता होता है कि डिलीवरी समय पर नहीं होगी, तब भी कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लेते हैं। ये आदत बदलनी चाहिए’ उन्होंने HAL को सलाह दी कि वो प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर काम करे और प्रोडक्शन तेज करे।
नई टेक्नोलॉजी के लिए समय पर डिलीवरी जरूरी
अब उम्मीद है कि नासिक में बना पहला Tejas Mk-1A विमान जल्द ही ट्रायल पूरा कर वायुसेना को सौंपा जाएगा। यह देसी फाइटर जेट भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम होगा। एयरफोर्स प्रमुख ने कहा है कि आज के बदलते युद्ध के तरीके जैसे ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम को देखते हुए टेक्नोलॉजी का समय पर आना बेहद जरूरी है। HAL की यह पहल Tejas प्रोजेक्ट में नई जान फूंकेगी और भविष्य की डिलीवरी को समय पर करने का रास्ता बनाएगी।