(भूपेंद्र सिंह ठाकुर) पाकिस्तान में 17 मार्च देर रात को एक अजीब नजारा दिखा, जिसे देख लोगों में दहशत फैल गई थी। कराची के ऊपर आसमान में रात को अचानक से उल्का पिंडों की बारिश होने लगी। ये नजारा देखने में काफी सुंदर लग रहा था, लेकिन शुरुआत में लोग डर गए क्योंकि उन्हें समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। भारत के कच्छ के कुछ ग्रामीण इलाकों में भी ऐसा ही नजारा दिखा जिसे देख वहां के लोगों में भी डर का माहौल था। आइए जानते हैं कि आखिर क्या थी वो घटना।
पाकिस्तान में घटी अजीब खगोलीय घटना
पड़ोसी देश पाकिस्तान में बीती रात करीब 2:00 बजे के आसपास कराची के कई इलाकों में प्रकाश पुंज देखने को मिले। विज्ञान की दुनिया में इसे शूटिंग स्टार कहा जाता है। एक्सपर्ट की मानें तो इस तरह के उल्कापिंडों का दिखना कोई बड़ी बात नहीं है। आमतौर पर ये दिखाई देते रहते हैं। आसमान में आग की तरह चमकते इस उल्कापिंड को देख पहले तो लोग डर गए थे, क्योंकि पाक में आतंक का माहौल अक्सर बना रहता है।
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भारत में भी चमका उल्कापिंड
एक ही रात में अलग-अलग समय में भारत और पाकिस्तान में खगोलीय घटना हुई। पहले रात करीब 2 बजे पाकिस्तान में कराची के कई इलाकों में प्रकाश पुंज देखने को मिला। उसके बाद भारत के कच्छ में रात को करीब 3:00 बजे के आसपास प्रकाश पुंज की यह खगोलीय घटना देखने को मिली। जिसने भी ये नजारा देखा वो सभी हैरान हो गए, क्योंकि ये बहुत ही सुंदर था।
🌌 A spectacular fireball lit up the sky!
A dazzling bolide—a very bright meteor—exploded over the skies of Kutch, Gujarat, and was also spotted in Pakistan. Witnesses reported a stunning burst of light streaking across the night sky. #Fireball #Meteor #Astronomy pic.twitter.com/RImhrPGYaa
— Ronak Gajjar (@ronakdgajjar) March 17, 2025
क्या होते हैं उल्कापिंड
क्या आप जानते हैं कि उल्कापिंड होते क्या हैं? अगर नहीं तो हम बता देते हैं। पहले तो ये जान लें कि वैज्ञानिकों के अनुसार, उल्कापिंड दिखना कोई बहुत बड़ी घटना नहीं है। ये अक्सर दिखते रहते हैं। दरअसल उल्कापिंड क्षुद्रग्रहों के टुकड़े होते हैं जो हवा के साथ घर्षण करते हैं। इसके बाद वो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही प्रज्ज्वलित हो जाते हैं जो देखने में आग के गोले के समान दिखते हैं।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
ये पहली बार नहीं है जब कच्छ में ऐसी घटना घटी हो, करीब पांच दशक पहले जनवरी 1976 को इस तरह की उल्का बौछार सुरेंद्रनगर के पास धजड़ा में हुई थी, जबकि साल 1998 में बंदरगाह मांडवी और मुंडारा के बीच भी उल्का बौछार हुई थी, जबकि साल 2004 में कच्छ में भी इसी तरह की उल्का बौछार दर्ज की गई थी.वही पिछले साल गुजरात के आणंद जिले में हाल ही में आसमान से कुछ रहस्यमयी “गोले” गिरने की घटना हुई थी।
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