अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज देने की मंजूरी दी है। ये कर्ज पाकिस्तान के आर्थिक सुधार के लिए दिया गया है। इसके बाद भारत की चिंता फिर से सामने आई है, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले इस कर्ज के खिलाफ अपना वोट नहीं दिया। भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है। News24 के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि IMF आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को तब तक नहीं मानेगा, जब तक FATF से कोई नया बदलाव नहीं आता। आइए जानते हैं पूरा मामला।
IMF ने पाकिस्तान को दिया 1 अरब डॉलर का कर्ज
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज देने की मंजूरी दे दी है। यह राशि पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम की समीक्षा के बाद जारी की गई है, जो IMF के “Extended Fund Facility (EFF)” के तहत चल रहा है। इसके अलावा IMF पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया “Resilience and Sustainability Facility (RSF)” लोन देने पर भी विचार कर रहा है।
भारत की आतंकवाद को लेकर चिंता पर सुभाष गर्ग का जवाब
इस मुद्दे पर भारत के पूर्व वित्त सचिव और 1983 बैच के IAAS अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग ने News24 को खास इंटरव्यू में बताया कि IMF भारत की आतंकवाद को लेकर चिंताओं को तब तक नहीं मानेगा जब तक FATF (Financial Action Task Force) कोई बदलाव नहीं करता। उन्होंने कहा “IMF का काम आतंकवाद फंडिंग या मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करना नहीं होता। ये जिम्मेदारी FATF की होती है।”
IMF के पाकिस्तान को लोन देने की प्रक्रिया
सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) का पाकिस्तान को लोन देना कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था। उन्होंने कहा, “IMF ने 2023-24 के लिए पाकिस्तान के लिए एक बड़ा आर्थिक योजना तैयार किया था। इसमें टैक्स सिस्टम, बैंकिंग सिस्टम, विदेशी निवेश और भुगतान संतुलन जैसे अहम मुद्दे थे। हर छह महीने में IMF पाकिस्तान की प्रगति की जांच करेगा और जब शर्तें पूरी होंगी, तभी अगली किस्त दी जाएगी। अभी पाकिस्तान को 5 और किस्तें मिलनी बाकी हैं।”
FATF रिपोर्ट पर IMF की निर्भरता
भारत ने IMF की इस लोन प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगाया था। इस पर सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि IMF केवल FATF की रिपोर्ट को देखता है। “जब तक पाकिस्तान को FATF की तरफ से फिर से ग्रे लिस्ट में नहीं डाला जाता या कोई बुरी रिपोर्ट नहीं आती, तब तक IMF इस पर कुछ नहीं करेगा। पाकिस्तान अक्टूबर 2022 में ग्रे लिस्ट से बाहर आया था और तब से IMF ने उनके साथ आर्थिक लेन-देन शुरू किया है।”
क्या है FATF?
FATF एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसे 1989 में बनाया गया था। इसका काम है मनी लॉन्ड्रिंग (गैरकानूनी तरीके से पैसा छुपाना) और आतंकवाद के लिए पैसे जुटाने को रोकना। यह संगठन देशों को नियम बनाने और उन्हें सही तरीके से लागू करने के लिए कहता है। अगर कोई देश नियम नहीं मानता, तो FATF उसे ग्रेलिस्ट या ब्लैकलिस्ट में डाल देता है। इससे उस देश को आर्थिक नुकसान होता है। इसलिए देश मजबूर होते हैं कि वे सही नियम बनाएं। इसका दफ्तर पेरिस में है, लेकिन यह एक अलग संगठन है।