कुमार गौरव ,नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह आज से तीन दिन तक तीन राज्यों के तूफानी दौरे पर रहेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज कर्नाटक के दौरे पर जाएंगे। कल 23 फरवरी को बेल्लारी और संदूर में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे।
कर्नाटक है दक्षिण की राजनीति का गेटवे
बता दे कि कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है और बीजेपी के लिया राज्य की सत्ता को बरकरार रखना उसकी पैठ के लिए काफी जरूरी है। कर्नाटक को दक्षिण की राजनीति का गेटवे कहा जाता है। कर्नाटक में अगर सत्ता के वापसी होती है तो फिर बीजेपी को तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका राजनीतिक लाभ मिल सकता है।
एमपी में जनजातीय समुदाय को संबाधित करेंगे शाह
कर्नाटक से गृहमंत्री शाह सीधे मध्यप्रदेश जाएंगे। 24 फरवरी को शाह मध्यप्रदेश के मैहर में शारदा माता का दर्शन करेंगे। मैहर में माता दर्शन के बाद वो सतना पहुंचेंगे जहां कोल जाति महाकुंभ और माता सबरी जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहां 1 लाख से ज्यादा जनजातीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। रात्रि में सतना में बीजेपी के मध्यप्रदेश के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
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एमपी में वापसी करना चाहेगी बीजेपी
वही अमित शाह और बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय से बीजेपी इस राज्य में सत्ता में है, इसी साल के आखिर में सूबे में चुनाव है और इस साल के विधानसभा चुनाव को 2024 का सेमी फाइनल कहा जा रहा है।
अगर सेमीफाइनल में अपने राज्य की सत्ता बीजेपी गंवा देती है तो राजनीतिक फिजा बदलने की डर भी है ऐसी स्थिति में बीजेपी मध्यप्रदेश की सत्ता में भी मजबूती के साथ वापसी करना चाहती है। लिहाजा पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले शाह मध्यप्रदेश में भी अभी से ही पूरी ताकत लगाना चाहते है।
पटना में उपेंद्र कुशवाहा से मिल सकते है शाह
इतना ही नहीं मध्यप्रदेश से गृहमंत्री अमित शाह सीधे बिहार जायेंगे। 25 फरवरी को गृहमंत्री बिहार के बाल्मिकी नगर के लौरिया के साहूजन मैदान में एक बड़ी रैली के संबोधन करने के बाद वे नंदनगढ़ जाएंगे। दोपहर बाद शाह पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के उपलक्ष्य में होने वाले किसान मजदूर समारोह में शामिल होंगे।
देर शाम बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बात की संभावना है कि हाल ही में जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा गृहमंत्री से मिलने जा सकते हैं।
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बिहार की स्थिति का लाभ उठाना चाहती है बीजेपी
बिहार में जदयू से अलग होने के बाद लंबे समय से गठबंधन के जरिए सत्ता में रही बीजेपी अब विपक्ष की भूमिका में आ गई है। 40 लोकसभा सीट वाला बिहार भी लोकसभा चुनाव के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण राज्य है।
इस बीच पहले नीतीश के खास माने जाने वाले आरसीपी सिंह और अब उपेंद्र कुशवाहा के नीतीश कुमार से अलग होने के बाद इस स्थिति का बीजेपी लाभ उठाना चाहती है। बीजेपी जेडीयू से अलग हुए नेताओ के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से गठजोड़ की भी गुंजाइश देख रही है।
कुल मिलाकर अमित शाह का तीन दिन,तीन राज्य का तूफानी दौरा बीजेपी की चुनावी तैयारियों को धार देने और मोदी सरकार के फील गुड फैक्टर को आम आदमी के बीच बनाए रखने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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