Manipur Riots: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच शनिवार को केंद्र सरकार ने राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति का गठन किया है। इसकी जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है। समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। समिति में रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। समिति राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया बहाल करेगी।
बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसाग्रस्त मणिपुर के प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। शाह ने ऐलान किया था कि हिंसा की जांच सीबीआई करेगी। न्यायिक आयोग बनाया जाएगा और शांति बहाली के लिए राज्यपाल की अगुवाई में शांति समिति का गठन किया जाएगा।
The government of India has constituted Peace Committee in Manipur under the Chairpersonship of the Manipur Governor. The members of the committee include Chief Minister, a few Ministers of the State Government, MP, MLAs and leaders from different political parties. The Committee… pic.twitter.com/UU8DgFt6K9
— ANI (@ANI) June 10, 2023
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सीबीआई ने एक दिन पहले दर्ज किए 6 एफआईआर
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को 6 केस दर्ज किए हैं। साथ ही कथित साजिश की जांच के लिए एक 10 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता डीआईजी रैंक के अफसर कर रहे हैं। सीबीआई जांच करेगी कि क्या हिंसा महज जातीय संघर्ष थी या पूर्व नियोजित थी। हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में 3,700 से अधिक केस दर्ज हुए हैं। सबसे ज्यादा इंफाल पश्चिम जिले में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें कांगपोकपी और बिष्णुपुर अहम हैं।
3 मई को भड़की थी हिंसा
3 मई को कूकी और मैतेई जातीयों के बीच शुरू हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि 35 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए। 4 जून को केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सिफारिश पर मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच पैनल का गठन किया।