Delhi NCR News: 72 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल मेट्रो कॉरिडोर गाजियाबाद के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। शहर के आरआरटीएस स्टेशन के लिए जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी काफी आसान हो जाएगी। माना जा रहा है कि प्रोजेक्ट को 2030 तक पूरा कर लिया जाएगा। रैपिड रेल के जरिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के सराय काले खां जाने में 1 घंटे से भी कम समय लगेगा।
वहीं, दिल्ली एरोसिटी के लिए सिर्फ 66 मिनट लगेंगे। रैपिड रेल प्रोजेक्ट से ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, नोएडा, नई दिल्ली और मेरठ के लोगों को खूब फायदा मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) सामने आ गई है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने रिपोर्ट को तैयार किया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश और केंद्र सरकार के पास भेजकर डीपीआर के लिए मंजूरी ली जाएगी। मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
22. Meerut Development: 9/10 (Category: Good)
GOOD
🛤️Delhi Meerut Rapid Rail Corridor (RRTS)
🛤️Meerut Ring Road Project
🛤️Meerut Metro Project
🛤️Meerut Medical College expansion project
🛤️Major Dhyanchand Sports University
🛤️Ganga Expressway
🛤️MEERUT INTEGRATED TOWNSHIP… pic.twitter.com/sd3VUvkF7g---विज्ञापन---— UP 10 Trillion Economy Goal ™ (@blackknight821) March 8, 2024
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अरुणवीर के अनुसार गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए नई लाइन बिछाई जाएगी। गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट की इस रूट पर दूरी 72.44 Km रहेगी। यहां तीन श्रेणियों में 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। 11 रैपिड के लिए, 7 मेट्रो और 13 स्टेशन भविष्य के लिए बनाए जाने हैं। जब जनसंख्या बढ़ेगी तो इन स्टेशनों को खोला जाएगा। इनमें 7 यमुना सिटी और 6 ग्रेटर नोएडा में बनेंगे। एक ही रूट पर 3 तरह की ट्रेन चलेगी। रैपिड, नॉर्मल रैपिड और मेट्रो का संचालन किया जाएगा। नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली एक्वा मेट्रो का 10 Km रूट इसी लाइन पर होगा। रैपिड रेल 114-140 और नॉर्मल रैपिड रेल 84 Km प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ेगी।
मेट्रो 40 Km की स्पीड से दौड़ेगी
वहीं, मेट्रो 40 Km प्रति घंटा चलेगी। रैपिड रेल से दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के उन लोगों को फायदा होगा, जो जेवर एयरपोर्ट जाएंगे। नॉर्मल रैपिड मेट्रो दिल्ली, मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के बीच चलेगी। वहीं, मेट्रो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच दूरी तय करेगी। अरुणवीर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर 20632 करोड़ रुपये की लागत आएगी। नोएडा में फिलहाल 155281 फ्लैट और 35 हजार किसानों के घर हैं, जिनका भी ध्यान रखा जाना है। पूरी आबादी के पास 1100 हेक्टेयर एरिया है। ग्रेटर नोएडा और नोएडा वेस्ट में लगभग 217000 फ्लैट हैं। जो 605 हेक्टेयर इलाका कवर करते हैं।
India’s first Rapid Rail project’s phase-1 route and circle rates in my area are already up by 85-90%. pic.twitter.com/kouKkOKFFv
— PārvatWāsi (@ChaosHarmonizer) July 22, 2024
रोजाना करेंगे सवा 3 लाख से अधिक लोग सफर
यमुना प्राधिकरण इलाके के 1187 गांवों की आबादी 35 लाख है। एयरपोर्ट से गाजियाबाद की कनेक्टिविटी तेज होगी। इससे आईजीआई एयरपोर्ट, गाजियाबाद, मेरठ, मानेसर, सोनीपत, गुरुग्राम और पानीपत के लोगों को भी लाभ मिलेगा। कॉरिडोर का प्रस्तावित अलाइनमेंट गाजियाबाद RRTS स्टेशन से लेकर विश्वकर्मा रोड, चार मूर्ति चौक, ताज हाईवे, ग्रेटर नोएडा लिंक रोड से होते हुए सूरजपुर-कासना रोड, परी चौक, दनकौर, यमुना सिटी के सेक्टर-18 और सेक्टर-21 से बनाया जाना प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि 2030-31 में लगभग रोजाना इसके जरिए सवा 3 लाख से अधिक लोग सफर करेंगे। 2054-55 में यह संख्या दोगुने से अधिक 7.57 लाख हो जाएगी।
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