FIR Against YouTube India in Mumbai: मुंबई में यूट्यूब के प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यूट्यूब इंडिया के प्रतिनिधि पर गंभीर अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि यूट्यूब के खिलाफ मुंबई में बड़ा एक्शन हुआ है, आइए विस्तार से जानते हैं…
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने यूट्यूब के खिलाफ हुई इस कार्रवाई के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने एएनआई से कहा- पिछले कई दिनों से हमें ऐसे इनपुट मिल रहे थे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मैटेरियल मौजूद हैं।
यूट्यूब पर आपत्तिजनक वीडियो चैलेंज
इसके बाद हमने कमीशन की इंटरनल इंक्वायरी बनाई। हमारी टीम ने बताया कि यूट्यूब पर कुछ ऐसे वीडियोज के चैलेंज करवाए जा रहे हैं, जिसके तहत मां-बेटे के बीच यौन संबंध स्थापित करने के वीडियोज बनवाए जा रहे हैं। मसलन, मां-बेटे का लिपलॉक चैलेंज, लैप सिटिंग चैलेंज, हग चैलेंज आदि करवाए जा रहे हैं। ये बेहद खतरनाक है। इसमें किशोर युवकों का यौन दुरुपयोग किया जा रहा है।
#WATCH | Delhi: NCPCR chief Priyank Kanoongo speaks on the FIR against the representatives of YouTube prompting sexual abuse against children. pic.twitter.com/naKfv9HqNK
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 11, 2024
कानूनगो ने आगे कहा- हमने विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी भेजी। हमने उन्हें कहा कि इसमें ऐसे व्यक्तियों की जांच की जाए जो इन बच्चों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर ऐसा कोई मां भी कर रही है तो ये यौन शोषण है। जबकि यदि मां नहीं है तो और गंभीर किस्म का अपराध है।
कानूनगो ने आगे कहा कि यूट्यूब इसके लिए पैसा दे रहा है। जबकि उसके माध्यम से वह विज्ञापन भी बेच रहा है। ऐसे में इसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है। चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मैटेरियल का कमर्शियल उपयोग एक गंभीर किस्म का अपराध है।
साइबर क्राइम पुलिस ने एफआईआर की दर्ज
इसके तहत हमने सभी राज्य सरकारों से कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया था। इसमें महाराष्ट्र के गृह विभाग और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गंभीरता दिखाई। मुंबई की साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की है। जिसमें यूट्यूब इंडिया के प्रतिनिधि को आरोपी बनाया गया है। उन पर पोक्सो की धारा 15 और 19, आईपीसी की 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र राज्य में यूट्यूब पर कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। अन्य राज्यों से भी अपेक्षा है कि वे मां-बेटे के रिश्ते को बदनाम करने वाला और यौन शोषण को बढ़ावा देने वाले कंटेट को अपराध की तरह डील करें। आयोग की ओर से इस मामले में यूट्यूब को नोटिस भी भेजा गया है। जिसमें प्रतिनिधि को 15 जनवरी तक उपस्थित होने को कहा है।
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