---विज्ञापन---

कश्मीरी पंडितों के 17 परिवारों ने मई से अब तक घाटी छोड़ी, इस साल प्रवासियों और अल्पसंख्यकों पर हमलों में 17 लोगों की मौत

Exodus of Kashmiri Pandits: कश्मीर में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बाद मई से अब तक कश्मीरी पंडितों के 17 परिवारों ने घाटी छोड़ दिया है। इस साल अब तक पूरे कश्मीर में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें से 3 कश्मीरी पंडित हैं। […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Oct 26, 2022 11:14
Share :

Exodus of Kashmiri Pandits: कश्मीर में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बाद मई से अब तक कश्मीरी पंडितों के 17 परिवारों ने घाटी छोड़ दिया है। इस साल अब तक पूरे कश्मीर में प्रवासियों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें से 3 कश्मीरी पंडित हैं।

घाटी में एक प्रमुख पंडितों के निकाय कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों के 17 परिवारों ने आतंकवादी हमलों के बीच मई से दक्षिण कश्मीर में अपना घर छोड़ दिया है। केपीएसएस ने कहा कि नौ परिवार सोमवार को घाटी से चले गए।

---विज्ञापन---

अभी पढ़ें –  ‘केवल भारत में ही कोई मुसलमान शीर्ष पर पहुंच सकता है’, IAS अफसर ने PAK पर निशाना साधा

केपीएसएस अध्यक्ष सजय टिक्कू ने कहा कि वे घाटी छोड़ने वाले परिवारों से बात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे (परिवारों से) बात करूंगा कि किस वजह से उन्हें 32 साल बाद कश्मीर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।’ उन्होंने बताया कि इस साल पूरे कश्मीर में नागरिकों, अल्पसंख्यकों और प्रवासियों पर लक्षित हमलों में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। इनमें से तीन कश्मीरी पंडित थे।

15 अक्टूबर को कश्मीरी पंडित पूरन की हुई थी हत्या

15 अक्टूबर को 56 वर्षीय कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण की शोपियां जिले में उनके आवास के पास आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पूरन की हत्या के दो दिन बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। बता दें कि कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक मोर्चे के रूप में देखा जाता है।

16 अगस्त को शोपियां जिले में एक अन्य कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट्ट की हत्या कर दी गई थी, जबकि उसका भाई घायल हो गया था। पुलिस ने कहा कि दोनों अपने सेब के बाग में काम कर रहे थे तब हमला हुआ था।

12 मई को एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की आतंकवादियों ने बडगाम में उनके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी हत्या ने कई विरोध प्रदर्शन किए गए थे। इस दौरान 350 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने की धमकी दी।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बाद में कहा कि घाटी के सभी कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री (पीएम) पैकेज कर्मचारी जिला और तहसील मुख्यालय में तैनात किए जाएंगे।

बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को जम्मू और कश्मीर से हटाया गया था। इसके बाद से हुए विभिन्न हमलों में सात कश्मीरी पंडित मारे गए हैं। उधर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने घाटी से कश्मीरी पंडितों के नए प्रवास की न तो इनकार किया और न ही पुष्टि की।

अभी पढ़ें बांग्लादेश बॉर्डर पर दो महिला समेत पकड़े गए पांच लोग, फिर उनके साथ सेना ने यह किया

गृह राज्य मंत्री ने संसद में दी थी ये जानकारी

मार्च में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद को सूचित किया था कि 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार सुरक्षा चिंताओं के कारण 1990 से घाटी छोड़ चुके हैं। इनमें पंजीकृत हिंदू प्रवासी परिवारों की संख्या 39,782 है।

मंत्री ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 1990 के दशक से लगभग 3,800 कश्मीरी प्रवासी कश्मीर लौट आए हैं और 520 प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी लेने के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से लौट आए हैं।

अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Written By

Om Pratap

First published on: Oct 26, 2022 10:20 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें