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24 घंटे में Electoral Bond पर पूरा डाटा दें, सुप्रीम कोर्ट का सख्‍त आदेश, 8 पॉइंट्स में समझिए पूरा मामला

Electoral Bond Case SBI Supreme Court: चुनावी बॉन्ड से जुड़ी याच‍िका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका द‍िया है। पहली याचिका एसबीआई की है जिसमें उसने बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने के लिए तय समयसीमा आगे बढ़ाने की मांग की थी। इसे अदालत ने खार‍िज कर द‍िया है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 11, 2024 12:49
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SC Verdict on Electoral Bond
सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर चुकी है।

Electoral Bond Case SBI Supreme Court : चुनावी बॉन्ड्स के मामले में भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ) को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका द‍िया है। बैंक बॉन्‍ड का डाटा पेश करने के ल‍िए अत‍िरिक्‍त समय की मांग करने के ल‍िए अदालत गया था, लेक‍िन शीर्ष कोर्ट ने उसकी एक दलील नहीं मानी। साथ ही आदेश दे द‍िया क‍ि 24 घंटे के भीतर इलेक्‍ट्रॉल बॉन्‍ड से जुड़ा सारा डाटा पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगाई थी।

देश की सर्वोच्‍च अदालत ने फटकार लगाते हुए कहा क‍ि आपके पास पहले ही समय था, उस दौरान क्‍या क‍िया गया। साथ ही यह भी चेतावनी दे डाली क‍ि अगर न‍िर्देशों का पालन नहीं क‍िया गया तो अवमानना का मामला चल सकता है। 10 पॉइंट्स में समझिए कि यह पूरा मामला आखिर क्या है।

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1. State Bank of India की ओर से शीर्ष अदालत में वर‍िष्‍ठ वकील हरीश साल्‍वे पेश हुए। एसबीआई की याच‍िका में Electoral Bond का ब्‍यौरा देने के ल‍िए और समय की मांग की गई थी।  याच‍िका में कहा गया क‍ि इसे डीकोड करने में समय लग रहा है। इसल‍िए 30 जून तक का समय दें।

2. इस पर अदालत ने हरीश साल्‍वे से सवाल दागते हुए पूछा क‍ि बीते 26 द‍िनों में आख‍िर क्‍या क्‍या क‍िया गया? याच‍िका में इसका ज‍िक्र नहीं है। आपको इसकी जानकारी देनी चाह‍िए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्‍या-क्‍या क‍िया गया। अदालत ने साफ कहा क‍ि कल तक पूरा डाटा दें।

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3. अदालत ने एसबीआई की याच‍िका का हवाला देते हुए कहा क‍ि आपने कहा था की जानकारी सीलबंद ल‍िफाफे में मुंबई की मुख्‍य ब्रांच को भेज दी गई है। साथ ही पेमेंट की पर्च‍ियां भी भेजी गई हैं। जब दोनों ही मुंबई में हैं तो फ‍िर परेशानी कहां है।

4. हरीश साल्‍वे ने दलील दी थी क‍ि जानकारी को न‍िकालने के ल‍िए पूरे प्रोसेस को फ‍िर से जांचना होगा। बॉन्‍ड खरीदने वाले का नाम गुप्‍त है, ऐसे में खरीदने वाले का नाम और तारीख गुप्‍त रखी गई है। इसे डीकोड करने में समय लगेगा।

5. 15 फरवरी को पांच सदस्यीय पीठ ने केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। पीठ ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह इस योजना के जरिए दलों को मिले चंदे की जानकारी 13 मार्च तक सामने लाएं।

6. शीर्ष अदालत ने एसबीआई को निर्देश दिया था कि 12 अप्रैल 2019 के बाद से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड्स की सभी जानकारियां निर्वाचन आयोग के पास 6 मार्च तक पहुंचाए। एसबीआई को इस योजना को लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बनाया गया था।

7. एसबीआई ने 4 मार्च को एक याचिका दाखिल कर चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी ईसीआई को देने के लिए अंतिम तारीख को 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी। उसने कहा था कि डाटा की क्रॉस रेफरेंसिंग करने के साथ प्रक्रिया में समय लग रहा है।

8. याचिका के अनुसार चुनावी बॉन्ड्स को पूरी तह ट्रेस किया जा सकता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक चुनावी बॉन्ड खरीदने और राजनीतिक दलों को उन्हें दान करने वाले लोगों का सीक्रेट नंबर आधारित रिकॉर्ड रखता है।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Mar 11, 2024 10:44 AM

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