ECI Press Conference Highlights: बिहार SIR और बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर विपक्षी दलों RJD और INDIA अलायंस ने सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और BJP पर विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। 17 अगस्त 2025 को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उठाए गए सवालों और आरोपों का जवाब दिया। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार SIR, बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट और वोट चोरी के आरोपों पर खुलकर बात की। आइए जानते हैं कि चुनाव आयुक्त ने क्या-क्या कहा?
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "…SIR has been started in Bihar. 1.6 lakh Booth Level Agents(BLA) have prepared a draft list…As this draft list was being prepared in every booth, the Booth Level Agents of all political parties verified it with… pic.twitter.com/Y8bRTprCQH
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 17, 2025
1. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान में 18 साल उम्र पूरी कर चुके हर पुरुष और महिला को मतदान का अधिकार दिया गया है। 18 साल की उम्र पूरी होते ही लोगों को वोटर रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए, मतदाता बनना चाहिए और मतदान करना चाहिए, लेकिन अगर किसी का 2 जगह वोट बना है तो वह एक ही जगह वोट दे सकता है। दोनों जगह वोट देना कानूनी अपराध है।
2. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में जितने भी राजनीतिक दल हैं, सभी का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण से होता है। ऐसे में चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के साथ भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं। चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग के लिए समान है। चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "Even after the returning officer declares the results, there is a provision in the law that within a period of 45 days, political parties can go to the Supreme Court and file an election petition to challenge the… pic.twitter.com/iyleATb5Nt
— ANI (@ANI) August 17, 2025
3. चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग के दरवाजे सभी लोगों और राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से खुले हैं और सदैव खुले हैं। सभी वोटर्स, सभी पार्टियां और सभी BLO मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। वोटरों का, भारतीय नागरिकों का सत्यापन कर रहे हैं। हस्ताक्षर करके प्रमाण पत्र दे रहे हैं और वीडियो प्रशंसा पत्र भी वोटरों को सौंपे जा रहे हैं।
4. चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLO दस्तावेजों और प्रशंसा पत्रों को सत्यापित कर रहे हैं तो फिर डॉक्यूमेंट और प्रशंसा पत्र राजनीतिक दलों के राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तरीय नेताओं तक क्यों नहीं पहुंच रहे हैं या फिर हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। इस तरह के प्रयास स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "…As far as the machine-readable voter list is concerned, the Supreme Court has already said in 2019 that this could be a violation of voter privacy." pic.twitter.com/0vtzPlHxxe
— ANI (@ANI) August 17, 2025
5. चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार SIR को सफल बनाने के लिए मेहनत की जा रही है। बिहार के 7 करोड़ वोटर्स चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग भी बिहार के वोटर्स के साथ निडरता से खड़ा है तो फिर चुनाव आयोग पर सवाल कैसे उठाए जा सकते हैं? चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर, मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्नचिह्न लगाया जा सकता है?
6. चुनाव आयुक्त ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए कराया गया है और हर साल होता है तो उस SIR में और इस SIR में अंतर क्या है? इस पर सवाल उठाने का मतलब क्या है? आज तक 10 से 12 बार विशेष गहन पुनरीक्षण हो चुका है। 20 साल से एनुअल रिवीजन होता रहा है। अबसेंट, शिफ्टेड या रेंडम तरीके से ऐसा हुआ है तो अब सवाल क्यों हैं?
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "…I want to make it clear that according to the Constitution of India, only Indian citizens can vote for the election of MP and MLA. People from other countries do not have the right. If such people have filled out… pic.twitter.com/egcPR1svaJ
— ANI (@ANI) August 17, 2025
7. चुनाव आयुक्त ने कहा कि SIR वोटर लिस्ट को प्यूरीफाई करने के लिए किया जाता है, जिसके तहत फॉर्म भरने के बाद फ्रेश वोटर लिस्ट बनती है। अगर गांव से शहर जाने वाले लोगों के लिए जिनके नाम 2 वोटर आईडी हो गए हैं, किसी एक व्यक्ति का जाने अनजाने में वोट रह गया है तो इसके लिए इम्यूरेशन फॉर्म भरकर चुनाव आयोग को देना ही एकमात्र रास्ता है और इसी अपडेटशन के लिए SIR कराया जाता है।
8. चुनाव आयोग ने कहा कि कई बार मृत वोटर्स के नाम हटवाए नहीं जाते, शिफ्ट होने पर वोट कटवाए नहीं जाते, इसलिए फॉर्म भरवाने से वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण हो जाता है। पता, फोटो, नाम ठीक हो जाते हैं। इसके लिए डोर टू डोर जाना पड़ता है। 7 करोड़ लोगों के घर जाकर फॉर्म भरवाए गए, जो लोग मृत पाए गए, उन लोगों के फॉर्म नहीं मिले। 30 दिन के अंदर 7 करोड़ लोगों के फॉर्म भरे गए।
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "…The SIR exercise has not been done in the last 20 years… The SIR exercise has been carried out more than 10 times in the country. The main purpose of SIR is to purify the voter list… The SIR exercise is being… pic.twitter.com/Qj32N56pMJ
— ANI (@ANI) August 17, 2025
9. चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत का नागरिक ही विधायक और सांसद का चुनाव कर सकता है। किसी और को यह अधिकार नहीं है। ऐसे लोगों को अपनी पात्रता सिद्ध करनी होगी। पात्रता की जांच 30 सितंबर तक जांची जाएगी, जिनकी पात्रता सिद्ध नहीं होगी, उन लोगों का वोटर आईडी कार्ड नहीं बनेगा। पश्चिम बंगाल SIR या अन्य राज्यों पर हम बात करेंगे। उचित समय पर इसका ऐलान किया जाएगा।
10. चुनाव आयुक्त ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत अगर आप किसी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचक हैं तो समय रहते शिकायत करने का मौका है। फॉर्म 6,7,8 भर सकते हैं। अगर आप उस क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं और अपनी शिकायत को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो एकमात्र रूल संख्या 20 (3) (B) है। आप एक विटनेस के तौर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।