नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम बीते 8 वर्षों से अभाव और दबाव से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, डिमांड और सप्लाई के गैप को भरने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली स्थित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘चीजों को व्यवस्थित करने के लिए हमने तीन रास्ते चुने हैं। एक आधुनिक तकनीक का रास्ता है, दूसरा मूल सुविधाओं के सैचुरेशन का लक्ष्य है और तीसरा आत्मनिर्भरता का रास्ता है।’ बता दें कि मोदी सरकार का केंद्र में अब लगातार दूसरा कार्यकाल चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने वहां CVC के नए शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का शुभारंभ किया।
मोदी ने आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम में नैतिकता एवं सदाचार पर पुस्तिकाएं निवारक सतर्कता पहल और केंद्रीय सतर्कता आयोग की समाचार पत्रिका विजआई वाणी का भी विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के तहत किए जा रहे कार्यों पर जोर मारा।
उन्होंने कहा, ‘आज हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए जो जोर लगा रहे हैं उससे घोटालों का स्कोप भी समाप्त हो गया है। राइफल से लेकर फाइटर जेट्स और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक आज भार खुद बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।’
मोदी बोले- मैंने बहुत गालियां सुनीं
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले CVC और बाकी संगठनों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। मैं लंबे अरसे से इस व्यवस्था से निकला हूं, लंबे अरसे तक सरकार के प्रमुख के रूप में काम करने का मौका मिला, मैंने बहुत गालियां सुनीं है, बहुत आरोप सुना है,मेरे लिए कुछ नहीं बचा है।
#WATCH भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले CVC और बाकी संगठनों को रक्षात्मक होने की ज़रूरत नहीं है। मैं लंबे अरसे से इस व्यवस्था से निकला हूं, लंबे अरसे तक सरकार के प्रमुख के रूप में काम करने का मौका मिला, मैंने बहुत गालियां सुनी है, बहुत आरोप सुना है,मेरे लिए कुछ नहीं बचा है: PM pic.twitter.com/NkbdhZxrjd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2022
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CVC के कार्यक्रम में पीएम ने कहा, ‘छात्र यहां आए हैं लेकिन सिर्फ 20% पुरुष भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इनाम ले गए और 80% इनाम बेटियां ले गई। इस 20 को 80 कैसे करें क्योंकि डोर तो उनके हाथ में है। इन पुरुष में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ वही ताकत पैदा हो जो बेटियों के दिल-दिमाग में है।’
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