Guwahati Earthquake: गुवाहाटी समेत पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में शुक्रवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि शुक्रवार को असम के गुवाहाटी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र और तीव्रता अभी ज्ञात नहीं है। भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
वहीं, बांग्लादेश में सुबह 10:16 बजे रिक्टर पैमाने पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। इससे पहले 11 जून को असम के मध्य भाग में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था। जानकारी के मुताबिक, किसी के हताहत होने या किसी के घायल होने या संपत्ति के नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं थी।
Earthquake tremors felt in Assam's Guwahati and other parts of the North Eastern region
Details awaited.
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 16, 2023
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजा भूकंप ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर सोनितपुर जिले में सुबह 11:35 बजे दर्ज किया गया था। भूकंप की गहराई पांच किलोमीटर थी।
भूकंप के दौरान क्या करें?
- भूकंप आने की स्थिति में हमेशा शांत रहना चाहिए और दूसरों को आश्वस्त करना चाहिए।
- घटना के दौरान, हमेशा सबसे सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। जैसे- खुली जगह, इमारतों से दूर खड़े होना चाहिए।
- घर के अंदर रहने वाले वैसे लोग जो समय रहते नहीं निकल पाते, उन्हें डेस्क, टेबल या बिस्तर के नीचे छिप जाना चाहिए। साथ ही शीशे वाले खिड़कियों से दूर रहना चाहिए।
- शांत रहते हुए इमारत से बाहर जाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे भगदड़ मच सकती है।
- यदि बाहर हैं तो इमारतों और बिजली के तारों से दूर हट जाना चाहिए और चलते वाहनों को तुरंत रोक देना चाहिए।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
- 0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
- 2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
- 3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
- 5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
- 6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
- 7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
- 8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
- 9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।