Earthquake: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शनिवार सुबह भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि झटके सुबह 06:56 बजे आए। फिलहाल अभी किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
दो दिन पहले राजस्थान में एक घंटे के भीतर तीन बार भूकंप के झटके लगे थे। तीनों पर अलग-अलग तीव्रता के झटके आए थे। लोग उस वक्त सो रहे थे। कंपन महसूस होने से उनकी नींद खुली थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, पहली बार 4.4, दूसरी बार 3.1 और तीसरी बार 3.4 तीव्रता के झटके लगे थे।
An earthquake of magnitude 3.3 on the Richter Scale strikes Arunachal Pradesh's Tawang today, at 06:56 am: National Centre for Seismology. pic.twitter.com/2JURhcNqpf
— ANI (@ANI) July 22, 2023
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क्यों आता है भूकंप?
सरंचना के मुताबिक, पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकराती और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। ऐसे में नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है।
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कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा– सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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