Dunki Route Illegal Immigration Case : ‘डंकी रूट’ के जरिए इलीगल माइग्रेशन की सुविधा प्रदान करने वाले रैकेट का हिस्सा होने और अमेरिका जाने के इच्छुक हरियाणा के एक निवासी को धोखा देने के आरोपी एक व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया। इस मामले में अदालत ने सोमवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि उसके जैसे लोगों की वजह से ही भारतीय पासपोर्ट की वैल्यू कम हो जाती है।
जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने आरोपी ओम प्रकाश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की। पीठ ने अपीलकर्ता की ओर से उपस्थित वकील से कहा कि भोले-भाले गरीब लोगों को धोखा दे रहे हैं। अदालत ने कहा कि हमें इस अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने का कोई अच्छा कारण नहीं मिला। वकील ने राहत के लिए दबाव डाला, लेकिन अदालत ने कहा कि ये बहुत गंभीर आरोप हैं।
यह भी पढ़ें : ‘डिबेट में हम ऐसा रोज देखते हैं…’, टीवी एंकर की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
राजा नाम के एक व्यक्ति ने कराई थी FIR
विदेश जाने की चाहत रखने वाले राजा नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा था कि मई 2024 में एजेंट सुरिंदर ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसे वैध माध्यम से अमेरिका भेज देगा, जिसके लिए उसे 43 लाख रुपये खर्च करने होंगे। राजा के परिवार ने सहमति व्यक्त की और सुरिंदर को 3 लाख रुपये दिए।
पहले दुबई, फिर पनामा और मैक्सिको भेजा
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी सुरिंदर ने राजा को 23 जुलाई 2024 को दुबई भेज दिया। उसे फिर पनामा के जंगलों में और फिर मैक्सिको भेजा गया। एजेंट सुरिंदर ने 1 फरवरी 2025 को उसे यूएस बॉर्डर पार करवा दिया। अमेरिकी पुलिस ने राजा को गिरफ्तार कर लिया, जेल में बंद कर दिया और फिर 16 फरवरी को भारत भेज दिया। आरोप है कि इस बीच सुरिंदर ने राजा के पिता से 2200000 रुपये की नकदी राशि ली थी।
यह भी पढ़ें : CJI बीआर गवई ने किया कॉलेजियम प्रणाली का बचाव, बोले- ‘रिटायरमेंट के बाद नियुक्तियां चिंताजनक’