Donald Trump decides to left International Institutions: अमेरिका की कमान संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी में अब खबरें आ रहीं हैं कि ट्रंप वर्ल्ड बैंक, संयुक्त राष्ट्र, नाटो और IMF छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए ये बुरी खबर साबित होगी। वहीं चीन के लिए दुनिया पर राज करने का सपना सच हो सकता है। आइए समझते हैं कैसे?
1. वैश्विक संगठनों से बाहर होंगे ट्रंप?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद कई बार कह चुके हैं कि वो वर्ल्ड बैंक, IMF, संयुक्त राष्ट्र और नाटो से किनारा कर लेंगे। यही नहीं ट्रंप के चहेते कहे जाने वाले एलन मस्क भी वैश्विक संगठनों को छोड़ने का समर्थन करते नजर आए हैं। बता दें कि इससे पहले अमेरिका वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी छोड़ चुका है।
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2.NATO-IMF-UN-World Bank क्यों जरूरी?
- NATO (North Atlantic Treaty Organisation) में 31 देश हैं, जिसे 1949 में रूस को काउंटर करने के लिए बनाया गया था।
- 193 देश संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का हिस्सा हैं और अमेरिका UN के 5 स्थाई देशों में से एक है।
- दुनिया के कई बड़े देशों को कर्ज देने के लिए 1944 में वर्ल्ड बैंक की नींव रखी गई। बता दें कि वर्ल्ड बैंक से सबसे ज्यादा लोन लेने वाले देशों में भारत का नाम सबसे ऊपर है।
- IMF भी ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स में शुमार है, जो कई देशों को कर्ज देता है।
3.अमेरिका के बाहर होने से दुनिया पर क्या असर पड़ेगा?
कई बड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका वैश्विक संगठनों से बाहर निकलता है, तो यह एक बड़ी तबाही साबित होगा। IMF और वर्ल्ड बैंक में अमेरिका का 16% प्रभाव है। ऐसे में अगर अमेरिका यहां से किनारा करता है तो इन संगठनों पर अमेरिका का प्रभाव कम हो जाएगा।
4.रूस-चीन होंगे ताकतवर, भारत को नुकसान क्यों?
वैश्विक संगठनों से अमेरिका का बाहर निकलना चीन और रूस के लिए अच्छी खबर होगी। अमेरिका के बाद इन सभी संगठनों पर चीन का भारी प्रभाव है। इसके अलावा रूस भी संयुक्त राष्ट्र के स्थायी देशों की लिस्ट में शामिल है। ऐसे में अमेरिका का यह फैसला चीन के ग्लोबल पावर बनने का सपना साकार कर सकता है। हालांकि भारत के लिए यह घाटे का सौदा होगा, क्योंकि अमेरिका इन संगठनों में कई बार भारत का साथ दे चुका है, लेकिन वहीं चीन, भारत का विरोधी रहा है।
5.दुनिया में क्या-क्या बदलेगा?
अमेरिका के बाहर निकलने से दुनिया में आर्थिक समस्याएं पैदा होंगी। IMF श्रीलंका, पाकिस्तान और अर्जेंटीना जैसे कई देशों को लोन देता है। वहीं अमेरिका के इस फैसले से डॉलर की कीमत भी गिर सकती है और चीन युआन (चीनी करंसी) को बढ़ावा दे सकता है।
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