आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इस बीच CJI जस्टिस गवई ने 3 जजों की बेंच का गठन किया है। जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन वी अंजारिया शामिल किए गए हैं। 3 जजों वाली ये बेंच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले की समीक्षा करेगी। बता दें कि कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने वाला आदेश जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने दिया था।
बता दें कि कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने वाला आदेश जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने दिया था। उन्होंने आदेश दिया था कि दिल्ली सरकार, MCD और NDMC दिल्ली के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम भेजें। कोर्ट ने कहा था कि सभी इलाके जल्द से जल्द इन आवारा कुत्तों से मुक्त होने चाहिए। इस पर जल्द काम शुरू किया जाए। इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हुआ था विरोध
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पशु प्रेमियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। मेनका गांधी ने भी आदेश को गलत बताया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर राहुल गांधी समेत कई नामी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम ने CJI को पत्र लिखकर फैसले की समीक्षा करने की बात कही थी। मामला बढ़ता देख CJI ने इस पर गौर करने की बात कही। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
बेंच के फैसले पर पशु प्रेमियों की नजर
3 जजों वाली बेंच फैसले की समीक्षा के बाद क्या फैसला लेगी, इस पर पशु प्रेमियों की नजर रहेगी। नोएडा में रहने वाले कुछ पशु प्रेमियों का कहना है कि आवारा कुत्तों के लिए हर शहर और कस्बों के अंदर शेल्टर होम बनना चाहिए, लेकिन ये एकाएक तैयार नहीं होते हैं। इस काम में समय लगता है। उनकी भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर रहेगी।
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दिल्ली में हैं 10 लाख कुत्ते
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में कुत्तों की संख्या 10 लाख है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में कुत्ते भारी संख्या में हैं। कुत्तों द्वारा हमले किए जाने के कई मामले में गत दिनों सामने आए थे। कुत्तों के हमले के बढ़ते मामलों को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें शेल्टर होम में रखे जाने का फैसला सुनाया था।