New CJI of India: 14 मई को देश के 52 वें चीफ जस्टिस की शपथ लेने जा रहे जस्टिस बी आर गवई दूसरे अनुसूचित जाति के और पहले बौद्ध जज होंगे। जस्टिस बी आर गवई ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वो व्यक्तिगत तौर पर CJI को रिटायरमेंट के बाद कोई राजनीतिक पद नहीं लेना चाहिए।
रिटायर होने के बाद राजनीति में जाने के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उनके पिता महाराष्ट्र के एक बड़े नेता थे। वे बिहार सहित कई राज्यों के गवर्नर रहे थे लेकिन वे राजनीति मे नहीं जाना चाहते हैं। उस समय की राजनीति की बात कुछ और थी। जस्टिस गवई ने कहा कि जब एक बार आप सीजेआई बन जाते हैं तो रिटायरमेंट के बाद उन पदों को स्वीकार नहीं करना चाहिए जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हों, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है।
संसद बड़ा या न्यायपालिका?
इस सवाल पर कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने तेरह सदस्यीय संविधान पीठ में पहले भी साफ कर चुका है कि संविधान सुप्रीम है। न्यायपालिका को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और उप राष्ट्रपति के बयान पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि लोग कुछ भी कहें संविधान ही सुप्रीम है। यह केशवानंद भारती मामले में 13 जजों के फैसले में बता चुका है।
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मैं सेक्यूलर हूं: जस्टिस गवई
जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मैं सेक्यूलर हूं लेकिन बौद्ध धर्म का पालन करता हूं। मैं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब जगह जाता हूं। सभी धर्म के लोगों से मेरे संबंध हैं। मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के तत्काल बाद ही चीफ जस्टिस पद की शपथ लूंगा। बाबा साहब अम्बेडकर के साथ ही मेरे पिता जी ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। मैं देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा।
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— Namrata Mohanty (@namrata0105_m) May 12, 2025
देश की मौजूदा हालातों पर क्या बोले?
पाकिस्तान के मौजूदा टकराव ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि देश के हम भी नागरिक हैं, हमें भी चिंता होती है। सीजफायर पर जस्टिस गवई ने कहा कि युद्ध कोई अच्छी चीज नहीं है। हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण हैं जो अभी भी चल रहे हैं। यूक्रेन मे कितने दिनों से वॉर हो रहा है, मगर क्या मिला। युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता।
जस्टिस यशवंत वर्मा के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मौजूदा चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी है। अब आगे की कार्रवाई प्रक्रिया के मुताबिक होगी।
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