Chhattisgarh vidhan sabha chunav result 2023: मतगणना के आंकड़ों ने सभी को हैरान कर दिया है। एग्जिट पोल्स को गलत साबित करते हुए छत्तीसगढ़ में बीजेपी बहुमत की तरफ बढ़ रही है। दोपहर 12 बजे खबर लिखे जाने तक बीजेपी सभी 90 सीटों में 55 पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस 33 पर आगे है। साफ दिखाई दे रहा है कि बीजेपी चुनाव जीत की तरफ बढ़ रही है। पाटन सीट पर भूपेश बघेल भी पीछे चल रहे हैं। नतीजों से कांग्रेस भी भौचक्का रह गई है। कांग्रेस नेताओं ने सोचा भी नहीं होगा कि दोपहर तक नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहेंगे। वहीं बीजेपी जीत से उत्साहित है।
छत्तीसगढ़ में इसबार चुनाव प्रचार में भ्रष्टाचार का मुद्दा खूब उछला। महादेव एप को लेकर बीजेपी ने सीएम बघेल समेत कांग्रेस पर को जमकर घेरा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में जमकर चुनाव प्रचार किया। भूपेश सरकार को सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ा है। हालांकि कहा जा रहा था कि उनके काम से राज्य की जनता खुश है और परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएंगे, लेकिन नतीजों ने उसे निराश कर दिया है।
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मतदाताओं का मन भांपने में विफल
बीजेपी के जीत की एक वजह यह भी है कि उसने इसबार सभी विधायकों को टिकट दिया था। पार्टी ने रमन सिंह सरकार में मंत्री रहे 17 नेताओं को भी टिकट दिया था जो 2018 में चुनाव हार गए थे। कांग्रेस कई क्षेत्रों में मतदाताओं का मन भांपने में विफल रही और अति उत्साह में ठीक रणनीति नहीं बना पाई। कई ऐसे नेता भी जो ज्यादा सक्रियता दिखाते तो शायद पार्टी को फायदा हुआ होता। नेताओं को आंतरिक खींचतान ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।
पांचवें दौर की गिनती के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार भूपेश बघेल पाटन से 1452 वोटों के अंतर से आगे चल रहे हैं, उन्हें अब तक कुल 26854 वोट मिले हैं।
(फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/KIuH9HsfiT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2023
मतदाताओं से सीधा संपर्क नहीं
दूसरा सत्ता में नहीं होने की वजह से बीजेपी को अपने संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ काम करने का पूरा अवसर मिला। वहीं कांग्रेस का संगठन लचर रहा है। राज्य में सरकार होने के बावजूद वह मतदाताओं से सीधा संपर्क नहीं बना सकी। यह नहीं कहा जा सकता कि कांग्रेस में नेतृत्व की कमी थी क्योंकि भूपेश बघेल किसी से भी कम नहीं हैं, लेकिन किसी भी एक के भरोसे रहना नुकसानदायक हो सकता है।
संवादहीनता जैसी स्थिति दिखी
कांग्रेस के नेताओं ने जमकर प्रचार किया लेकिन फिर भी संवादहीनता जैसी स्थिति दिखी। कई नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान भाषा में संयम नहीं बरता और बीजेपी नेताओं को लेकर विवादित बयान दिया। जरूरत है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी हार के कारणों पर विचार करे, ताकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उसकी ऐसी हालत न हो।
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