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जातीय जनगणना कैसे होगी? 1941 के आंकड़े जारी नहीं, फॉर्म में होंगे 29 से ज्यादा कॉलम

देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना होने जा रही है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। जानिए जनगणना कैसे होती है।

Author Edited By : Shabnaz Updated: May 1, 2025 10:43
Jatiye Jangadna

बहुत समय से विपक्ष लगातार जाति जनगणना की मांग करता आया है। बीते दिन केंद्र सरकार ने आगामी जाति गणना करने का ऐलान कर दिया है। यह जातीय गणना जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। यूं तो हर 10 साल में जनगणना की जाती है, लेकिन इसमें हर जाति की गणना नहीं होती है। इसी को लेकर पिछले कई सालों से मांग की जा रही थी। अब सरकार के फैसले के बाद जातीय जनगणना देश की आजादी के बाद पहली बार की जाएगी। आम जनगणना में जातियां भी शामिल होती हैं, लेकिन इसमें सभी जातियों को वर्गीकृत नहीं किया जाता है। जानिए अब जातीय जनगणना कैसे की जाएगी?

जनगणना की शुरुआत

देश में जनगणना की शुरुआत साल 1881 में की गई थी। पहली बार हुई जनगणना में जातीगत जनगणना भी शामिल थी। इसके बाद हर 10 साल पर जनगणना होती आ रही है। 1941 की जनगणना में जातिवार आंकड़े लिए गए थे, लेकिन इन्हें जारी नहीं किया गया था। आजादी के बाद से हर बार की जनगणना में सरकार ने सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की जनगणना की है। आखिरी जनगणना 2011 में की गई थी, जिसके बाद नहीं की गई है।

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कैसे होगी जातीय जनगणना?

केंद्र सरकार पूरे देश में हर 10 साल में जनगणना कराती है। अब उसी के साथ में जातियों की भी गणना की जाएगी। भारत में आजादी के बाद से ही जनगणना का काम हर 10 साल के आखिर से शुरू होता है। दशक के पहले साल में ही इसका प्रोसेस पूरा कर लिया जाता है। इसके बाद जनगणना से जुड़े आंकड़ों को पब्लिक किया जाता है। 1951 से लेकर 2011 तक भारत में लगातार जनगणना की गई है। इस जनगणना के साथ ही भारत में अनुसूचित जाति और जनजातियों का अलग रिकॉर्ड पब्लिश होता है। इनमें दलितों और आदिवासियों की संख्या रखी जाती है। हालांकि, भारत में सभी जातियों का विवरण नहीं दिया जाता है।

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2011 तक जनगणना फॉर्म में 29 कॉलम होते थे, जिसमें नाम, पता, बिजनेस, शिक्षा और माइग्रेशन जैसे सवाल लिखे रहते थे। इसके साथ ही के SC और ST कैटेगरी का भी रिकॉर्ड लिखा जाता था। अब जाति जनगणना होगी, तो इसमें कुछ ज्यादा कॉलम जोड़े जा सकते हैं। आपको बता दें कि जनगणना एक्ट 1948 में एससी-एसटी की गणना का प्रावधान है। OBC की गणना के लिए इसमें संशोधन किया जाना है।

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First published on: May 01, 2025 10:43 AM

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