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भतीजे Aakash के बाद भाई Anand पर एक्शन? आनंद कुमार ने खुद छोड़ा पद या मायावती ने हटाया

Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर समेत सभी पदों से हटा दिया गया है। जानिए आखिर क्यों आकाश आनंद को उनके पदों से हटाया गया?

Author Edited By : Shabnaz Updated: Mar 5, 2025 14:42
Akash Anand

Akash Anand Termination Inside Story: मायावती के भाई आनंद कुमार के नेशनल को-ऑर्डिनेटर का पद छोड़ने के बाद अब अटकलें हैं कि उन्होंने अपने भाई पर भी भतीजे आकाश आनंद की तरह एक्शन लिया है। हालांकि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बनाए रखा गया है और पद से हटने को आनंद कुमार की निजी इच्छा बताया गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में सवाल उठ रहा है कि मायवाती के भाई आनंद कुमार ने इस पद को स्वीकारने के 2 दिन बाद ऐसी इच्छा क्यों जताई? अगर उन्हें पद की इच्छा नहीं थी तो 2 दिन तक स्वीकारा क्यों? कहीं यह फैसला मायावती ने अंदरखाने तो नहीं लिया?

हालांकि, मायावती ने ट्वीट करके इसकी वजह आनंद कुमार की इच्छा बताई है। उन्होंने लिखा है कि काफी लम्बे समय से नि:स्वार्थ सेवा और समर्पण के साथ कार्यरत बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार, जिन्हें अभी हाल ही में नेशनल को-आर्डिनेटर भी बनाया गया था, उन्होंने पार्टी और मूवमेंट के हित के मद्देनज़र एक पद पर रहकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसका स्वागत। ऐसे में श्री आनन्द कुमार पहले की ही तरह बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए सीधे मेरे दिशा-निर्देशन में पूर्ववत अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाते रहेंगे और अब उनकी जगह यूपी के ज़िला सहारनपुर निवासी रणधीर बेनीवाल को नेशनल को-आर्डिनेटर की नई ज़िम्मेदारी दी गयी है।

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आखिर क्या है आनंद कुमार के हटाने की वजह?

बसपा सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि पार्टी के भीतर संगठन को मजबूत करने और बसपा के कोर वोटबैंक को बनाए रखने के लिए यह फैसले लिए गए हैं। मायावती का मानना है कि पार्टी पर परिवारवाद के आरोपों से बचा जाना चाहिए। सक्रिय व जमीनी नेताओं के हाथ में जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, आनंद कुमार पार्टी में उतना एक्टिव नहीं रहते, जिससे उन्हें इस जिम्मेदारी से हटाया गया है।

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रणधीर को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने की वजह

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बसपा अब गैर जाटव दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग के वोटरों के साधने की कोशिश में है और रणधीर बेनीवाल की नियुक्ति इसी रणनीति का हिस्सा है।

क्या बसपा में बड़े बदलाव की शुरुआत है ये?

भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से बाहर निकालना और उनके पिता आनंद कुमार को पद से हटाने को पार्टी में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। इससे यह संकेत सामने आता है कि मायावती पार्टी में बड़े बदलाव के मूड में हैं। उनका यह भी संदेश देना माना जा रहा है कि परिवारवाद से इतर एक संगठित, मजबूत बसपा नजर आए।

इसे लोकसभा चुनाव 2024 में एक भी सीट न मिलना और वोट शेयर के काफी घटने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यह भी कि पार्टी 2027 में मजबूती से सामने आए, इसकी तैयारी हो रही है। अब राजनीतिक रूप से देखना दिलचस्प होगा कि बसपा इन बदलावों से क्या हासिल करना चाहती है और क्या इस कदम से पार्टी को मजबूती मिलेगी।

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Shabnaz

First published on: Mar 05, 2025 02:26 PM

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