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4 बार का विधायक कौन? जो बोला- मैं 20 साल से जर्मनी का नागरिक हूं, जानें कैसे खुली पोल?

Chennamaneni Ramesh Citizenship Controversy: तेलंगाना के 4 बार विधायक रहे नेता की भारतीय नागरिकता रद्द हो गई है। साथ ही उन्हें जुर्माना भी लगाया गया है। कांग्रेस नेता की याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला आया। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Dec 10, 2024 10:34
BRS Leader Chennamaneni Ramesh
BRS Leader Chennamaneni Ramesh

Chennamaneni Ramesh Germany Citizenship Controversy: भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता की जर्मनी की नागरिकता पर छिड़ा विवाद थम गया है। तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला आ गया है और हाईकोर्ट ने चेन्नामनेनी रमेश को जर्मनी का नागरिक मानते हुए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी है। साथ ही 30 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। कांग्रेस नेता आदी श्रीनिवास की शिकायत पर हाईकोर्ट का फैसला आया। हाईकार्ट ने कहा कि रमेश जर्मन दूतावास से यह प्रमाण पत्र नहीं ले सके कि वे जर्मनी के नागरिक नहीं हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि रमेश ने अपनी जर्मन नागरिकता को छिपाया और झूठे दस्तावेज चुनाव आयोग को देकर विधानसभा चुनाव लड़ा। इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की जाती है और उन्हें 30 लाख रुपये जुर्माना भरना होगा। इसमें से 25 लाख कांग्रेस नेता आदी श्रीनिवास को देने होंगे। वहीं श्रीनिवास ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर रमेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आइए जानते हैं कि आखिर रमेश कौन है और उसकी पोल कैसे खुली? और अब मामले में आगे क्या होगा?

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कौन हैं रमेश चेन्नामनेनी?

रमेश चेन्नामनेनी पहले आंध्र प्रदेश और फिर तेलंगाना की वेमुलवाडा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। साल 2009 में वे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सदस्य थे और पार्टी की टिकट पर 2009 का विधानसभा चुनाव जीते। साल 2010, 2014 और 2018 में वे BRS नेता रहते हुए चुनाव जीते। उन्होंने एक उपचुनाव भी जीता, जिसमें वे अपनी पार्टी बदलने के बाद जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बता दें कि रमेश की नागरिकता पर विवाद नई बात नहीं है। साल 2013 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी उनकी नागरिकता संबंधी विवाद पहुंचा था।

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हाईकोर्ट ने उनकी चुनावी जीत कैंसिल कर दी थी। इस फैसले के खिलाफ रमेश ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और यहां से उन्हें राहत मिली। इसके बाद ही उन्होंने 2014 और 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा भी और जीता, लेकिन साल 2023 में भी जब वे विधानसभा चुनाव जीते तो हारने वाले कांग्रेस नेता आदि श्रीनिवास में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान ही रमेश की जर्मनी की नागरिकता का खुलासा हुआ और विवाद पर हाईकोर्ट ने अब करीब 2 साल बाद अहम फैसला सुनाया।

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First published on: Dec 10, 2024 10:08 AM

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