Badlapur Sexual Abuse Case: (रिपोर्टः इंद्रजीत सिंह) महाराष्ट्र के बदलापुर स्थित स्कूल में मासूम बच्चियों के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने चार साल की 2 बच्चियों के यौन शोषण पर सुनवाई से पहले एफआईआर की कॉपी मांगी। कोर्ट ने एफआईआर देखने के बाद मामले में सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि हमने न्यूज देखकर स्वतः संज्ञान लिया है। इस दौरान बदलापुर मामले की जांच कर रही एसआईटी चीफ स्पेशल आईजी आरती सिंह और डीसीपी सुधाकर पठारे कोर्ट में मौजूद रहे। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ और स्पेशल पीपी हितेन वेनेगांवकर भी कोर्ट पहुंचे।
यहां पढ़िए बदलापुर यौन उत्पीड़न केस में बॉम्बे हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान क्या दलीलें दी गईं और जस्टिस डेरे और जस्टिस चव्हाण ने क्या-क्या सवाल किए।
महाधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ ने कोर्ट को मामले की जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार से एसआईटी ने जांच शुरू की है। आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या 164 के तहत बयान दर्ज किया गया है? इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। इस दौरान कोर्ट को केस डायरी और एफआईआर की कॉपी दी गई।
कोर्ट: पोक्सो के तहत मामला दर्ज हुआ क्या?
बीरेंद्र सर्राफ: जब मामला दर्ज किया गया तब महिला अधिकारी मौजूद थीं, दोनों नाबालिगों की मेडिकल जांच हो चुकी है।
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कोर्ट: क्या नाबालिग बच्चियों के बयान दर्ज किए गए हैं? क्या 164 के तहत उनका बयान दर्ज हुआ है?
बीरेंद्र सर्राफ: सिर्फ बयान दर्ज हुआ है। 164 के तहत बयान अभी दर्ज नहीं हुआ है। एसआईटी पूरा रिव्यू करने के बाद आपको पूरी रिपोर्ट देगी।
कोर्टः स्कूल ने अगर कोई एक्शन नहीं लिया तो क्या स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है? क्या लड़कियों ने स्कूल से शिकायत की है?
बीरेंद्र सर्राफ: एफआईआर से तो ऐसा ही लग रहा है।
कोर्ट: तो क्या आपने स्कूल के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया? POCSO में अपराध की रिपोर्ट न करने के लिए स्कूल के संबंधित अधिकारी को भी पार्टी बनाने का प्रावधान है।
बीरेंद्र सर्राफ: अब एसआईटी बन गई है तो यह किया जाएगा।
कोर्ट: यह पहले ही किया जाना चाहिए था। जैसे ही परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई, आपको स्कूल के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था। क्या लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है? पीड़ित लड़कियों के साथ जो हुआ, हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हम जानना चाहते हैं कि राज्य ने पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग के लिए क्या किया है? हम जानना चाहते हैं कि जब एसआईटी बनी और जांच सौंपी गई तो बदलापुर पुलिस ने पूरा रिकॉर्ड एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा?
बीरेंद्र सर्राफः दूसरे पीड़ित के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं।
कोर्ट: तो आप हमसे तथ्य क्यों छिपा रहे हैं?
बीरेंद्र सर्राफ: मैंने अभी कोर्ट में अधिकारी से पूछा।
कोर्टः POCSO अधिनियम की धारा 39 और 40 देखें, इसमें बच्चे को परामर्श देने का प्रावधान है।
बीरेंद्र सर्राफः हमें कुछ समय दें हम जवाब देंगे।
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कोर्टः एसआईटी का गठन कब हुआ था?
सर्राफः घटना 12 और 13 अगस्त की है।
कोर्टः हमें नहीं पता कि बदलापुर पुलिस ने इस मामले की जांच कैसे की है। इसने शायद ही कुछ किया हो?
बीरेंद्र सर्राफः हमने कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
कोर्टः लेकिन वह हल नहीं है। क्या अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत अनिवार्य रूप से पीड़ितों के बयान दर्ज किए हैं? दूसरी लड़कियों के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने महाधिवक्ता सर्राफ से अगली तारीख पर यह बताने को कहा कि उनके बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई। यह बहुत गंभीर अपराध है। दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, पुलिस मामले को गंभीरता से कैसे नहीं लेती? हम जानना चाहेंगे कि आप स्कूली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? लड़कियों की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं किया जा सकता। जब तक तीव्र विरोध न हो, मशीनरी काम नहीं करती। क्या आप यह कहना चाहते हैं कि जब तक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जांच गंभीरता से नहीं होगी? उम्मीद है कि न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
बीरेंद्र सर्राफ: हम किसी को नहीं छोड़ेंगे। कोई भी अधिकारी हो।
कोर्ट ने पीड़ित बच्चियों की उम्र पूछी
कोर्ट ने आगे कहा कि पीड़ितों और उनके परिवार को कानूनी सहायता और उनकी काउंसलिंग करें। यह सुनिश्चित करें कि दूसरी पीड़िता का बयान आज ही दर्ज हो जाएं। सुनिश्चित करें कि सब कुछ वीडियो रिकॉर्डेड हो। इसके बाद कोर्ट ने पीड़ितों की उम्र पूछी, जिस पर सर्राफ ने बताया कि एक बच्ची 4 साल और दूसरी 3 साल की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सबसे बुरा है! कोर्ट ने कहा कि न केवल एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई बल्कि स्कूल के संबंधित अधिकारियों ने शिकायत भी दर्ज नहीं कराई। यह एफआईआर कॉपी से साफ हो रहा है।
इस पर सर्राफ ने कहा कि एक एसआईटी का गठन किया गया है। सारे डॉक्यूमेंट्स एसआईटी को सौंप दिये गये हैं। केवल एक पीड़िता के बयान दर्ज किए गए हैं और दूसरे का बयान आज दर्ज किया जाएगा।
कोर्टः क्या दूसरी पीड़िता के पिता का बयान दर्ज किया गया था? इस पर एसआईटी चीफ का कहना है कि इसे बुधवार को रिकॉर्ड किया गया था।
कोर्टः क्या दूसरी बच्ची के पिता का स्टेटमेंट रिकॉर्ड हुआ है? सर्राफः जी, हुआ है।
कोर्ट की नसीहत, एक्शन लेने में हिचकेंगे नहीं!
इस पर कोर्ट ने कहा कि आप चेक कीजिये पहले। बाद में बयान बदलिए मत। पुलिस ने बताया आज रिकॉर्ड हुआ है। इस पर बेंच भड़क उठी। उन्होंने कहा कि ये क्या है? 13 अगस्त को घटना हुई। 16 को एफआईआर और बयान 22 तारीख को रिकॉर्ड हो रहा है। ये क्या चल रहा है? अगर हमें जरा भी लगा कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। हम किसी के खिलाफ भी एक्शन लेने में नहीं हिचकेंगे।
कोर्ट ने कहा कि बयान दर्ज करने में इतनी देरी क्यों? आप हमें बताएंगे कि बयान समय पर दर्ज क्यों नहीं किए गए। हम सभी दस्तावेजों की तारीखें देखेंगे। हम केवल पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं और कुछ नहीं। ये नाबालिग लड़कियां हैं।
कोर्ट ने आगे पूछा कि धारा 161 के बयानों के तहत दूसरी लड़की के पिता के हस्ताक्षर क्यों लिए गए? हम यह जानकर आश्चर्यचकित हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरे पीड़ित परिवार के बयान दर्ज नहीं किए। हमारे स्वतः संज्ञान लेने के बाद ही पुलिस ने दूसरी पीड़िता के पिता के बयान दर्ज किए हैं, वह भी आधी रात के बाद।
बदलापुर पुलिस ने क्या जांच की, वह भी बताइए
कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पीड़ितों और उनके परिवारों को सभी कानूनी सहायता और काउंसिलिंग दी जाएगी। उम्मीद करते हैं कि आप न केवल पीड़ित लड़कियों के बल्कि उनके परिवारों के भी बयान धारा 164 के तहत दर्ज करेंगे। कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक उन्हें केस की फाइल देखनी है। साथ ही अगली तारीख पर बदलापुर पुलिस ने क्या जांच की, वो पूरी जानकारी भी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई वह मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे करेगी। कोर्ट ने सर्राफ से कहा कि आपको बदलापुर पुलिस स्टेशन की जांच पर बहुत सारे जवाब देने होंगे। बेंच ने कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित जगह नहीं है तो शिक्षा और अन्य सभी चीजों के अधिकार की बात करने का क्या मतलब है?
कोर्ट ने कहा कि 4 साल की लड़कियों को भी बख्शा नहीं जा रहा है। ये कैसी स्थिति है? यह बेहद चौंकाने वाली बात है। इसके साथ ही आज की सुनवाई खत्म हो गई। अगली सुनवाई 27 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे होगी।