West Bengal CM Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के केशरी पंचायत समिति की विपक्षी नेता मौमिता सिंहा पर जानलेवा हमला किया। मोमिता सिंहा को बीडीओ केशरी ने वित्त, योजना और विकास स्थायी समिति की आम बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया था। लेकिन टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन पर प्रशासनिक भवन के भीतर ही हमला कर दिया।
बीडीओ केशरी सिंह को ठहराया घटना के लिए जिम्मेदार
सुवेंदु ने सवाल उठाया कि क्या अब पश्चिम बंगाल में प्रशासन इसी तरह काम करेगा? एक निर्वाचित सदस्य को पहले बैठक में भाग लेने के लिए बुलाया जाता है, उसके बाद प्रशासनिक भवन में ही उस पर हमला किया जाता है। सुवेंदु ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए बीडीओ केशरी सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। सुवेंदु ने इस मामले से जुड़ा एक वीडियो और अपनी प्रतिक्रिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी पोस्ट की है। सुवेंदु ने आरोप लगाया कि बंगाल में बीजेपी पदाधिकारियों को जान-बूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
Is this how Administration will operate in West Bengal from now on?
An Elected Member of the Panchayat Samiti is being attacked within an Administrative Building after being invited to attend the Meeting !!!Smt. Moumita Singha; Opposition Leader of the Keshiary Panchayat… pic.twitter.com/4soa48HCSD
---विज्ञापन---— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) June 18, 2024
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सुवेंदु ने मांग की कि निर्वाचित सदस्यों को अगर ब्लॉक कार्यालय में बुलाया जाता है तो उनको सुरक्षा भी दी जानी चाहिए। लेकिन प्रशासन उनको सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहा है। सुवेंदु ने सवाल उठाया कि क्या यह मान लिया जाए कि अधिकारी टीएमसी वर्करों के साथ मिलकर विपक्षी सदस्यों को पीटने के लिए साजिशें रच रहे हैं? घटना को लोकतंत्र पर धब्बा बताते हुए सुवेंदु ने इसकी निंदा की। सुवेंदु ने इसे बंगाल के प्रशासन और सत्तारूढ़ टीएमसी के बीच अपवित्र सांठगांठ बताया। इससे पहले भी सुवेंदु ममता सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं।
भाजपा और टीएमसी नेताओं के बीच मारपीट के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं। चुनाव के दौरान भी कई जगह हिंसक झड़पें देखने को मिली थी। यहां तक कि कई कार्यकर्ताओं की जान भी राजनीतिक द्वेष के चलते जा चुकी है। पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री के अलावा बंगाल के राज्यपाल प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा चुके हैं।