कोलकाता. पश्चिम बंगाल में भाजपा की युवा नेता पामेला गोस्वामी को कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ी राहत दी। उन्हें 2021 के ड्रग्स केस में अदालत ने बरी कर दिया। पामेला के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान कोकीन तस्करी का मामला दर्ज किया गया था।
कोलकाता पुलिस ने 21 फरवरी 2021 को पामेला को गिरफ्तार किया था। पुलिस को 76 ग्राम कोकीन उनकी गाड़ी से मिली थी। जिसकी कीमत 10 लाख रुपए आंकी गई थी।
भाजपा नेता ने ही प्लांट किया था कोकीन
पुलिस ने जांच की तो बड़ा राजफाश हुआ। जांच में सामने आया की पामेला को फंसाने के लिए ये सारी साजिश एक अन्य भाजपा नेता राकेश सिंह द्वारा रची गई थी। राकेश सिंह ने ही एक महिला और दो अन्य पैडलर्स के जरिए से कोकीन खरीदी थी और अमृत राज सिंह की मदद से गोस्वामी की गाड़ी में रखवा दी थी। इसके पीछे की वजह पामेला द्वारा राकेश का एक अश्लील प्रस्ताव ठुकराया जाना था।
मुझे साजिश ने बनाया मजबूत
कोर्ट से बरी होने के बाद पामेला गोस्वामी ने कहा कि यह पूरी साजिश चुनाव के दौरान मेरी और पार्टी की छवि धूमिल करने के लिए रची गई थी। यह मेरे जीवन का बेहद ज्ञानवर्धक सफर रहा है। इस दौरान मैंने मनुष्य के व्यवहार के बारे में बहुत कुछ सीखा। इस स्थिति ने मुझे मजबूत बना दिया है और मेरे सबसे अच्छा वर्जन सामने लाने में मदद की।
पुलिस की आंख खोलने वाला है ये केस
उन्होंने कहा कि यह मामला सौ फीसदी न्यायिक प्रणाली और पुलिस विभाग के लिए एक आंख खोलने वाला है, जिसमें कहीं न कहीं खामियां हैं। जिससे निर्दोष लोग साजिश में फंसते हैं। किसी भी व्यक्ति या आम नागरिक की ऐसी कठिनाई भरी स्थिति का अकेले सामना करने के बारे में कल्पना भी नहीं कर सकती हूं।
पामेला ने शीर्ष नेतृत्व के साथ कार्यकर्ताओं का जताया आभार
उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि इन झूठे आरोपों के खिलाफ यह लड़ाई मैंने अकेले नहीं लड़ी बल्कि मेरे साथ कार्यकर्ताओं का साथ, शीर्ष नेतृत्व का विश्वास और जनता का भरपूर सपोर्ट मिला। बिना इनके सपोर्ट के मेरी ये लड़ाई काफी मुश्किल हो जाती। इस मुश्किल वक्त में सभी का मेरे साथ बने रहने के लिए मैं तहे दिल से आभारी हूं।
मेरा न्याय प्रणाली पर बढ़ गया और विश्वास
पामेला गोस्वामी ने कहा कि दो साल तक चले इस मामले में पूरे समय मैं काफी तनाव में रही। यह निश्चित रूप से मेरे लिए एक दर्दनाक स्थिति थी क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी ड्रग्स लेने की साजिश का शिकार हो सकती हूं। अब जब कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया है तो मुझे मानसिक रूप से काफी राहत मिली हैं और न्याय प्रणाली पर विश्वास और बढ़ गया है।