आईपीएल जीत का जश्न मनाने पहुंची बेंगलुरु की पूरी टीम बुधवार का दिन कभी याद नहीं रखना चाहेगी। जब यहां टीम का स्वागत करने उमड़ी 3 लाख लोगों की भीड़ में भगदड़ मचती है और 11 लोगों की मौत हो जाती है। वहीं 50 से अधिक लेाग घायल हो गए। घायलों का इलाज चल रहा है। कर्नाटक सरकार और आरसीबी टीम मैनेजमेंट ने हादसे को लेकर दुख जताया है। मरने वालों में 5 महिलाएं और 6 पुरुष हैं। इनकी मौत सिर, रीढ़ और पेट में चोट के कारण हुई है।
बीजेपी ने सीएम और डिप्टी सीएम का इस्तीफा मांगा
हादसे के बाद सीएम ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा देश में पहले भी हादसे हुए हैं। जैसे कुंभ में 50-60 लोगों की जान गई। इसका मतलब यह नहीं है कि हम जिम्मेदारी से बचें। उधर बीजेपी ने सीएम और डिप्टी सीएम से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। सीएम और डिप्टी सीएम के बीच क्रेडिट लेने की होड़ के चलते यह हादसा हुआ। बीजेपी ने कहा कि स्टेडियम जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके न तो एंबुलेंस थी और न ही फायर बिग्रेड। इस बीच हादसे को लेकर एक युवक का बयान सामने आया है। उसने पुलिस से गुहार लगाई है कि बिना पोस्टमॉर्टम के ही बेटे का शव उन्हें सौंप दें।
हादसे की ये वजह आई सामने
1.स्टेडियम में फ्री पास से एंट्री से भी हादसे की बड़ी वजह में से एक है। पास दर्शकों को आरसीबी की वेबसाइट से लेने थे। बुधवार को यह अनाउंस हुआ तो वेबसाइट ही क्रैश हो गई। बिना पास के भी लोग स्टेडियम पहुंच गए। इससे भीड़ का अंदाजा नहीं हो पाया।
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2.भीड़ के कारण नाले का स्लैब ढह गया। भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के लिए गेट नंबर 12, 13 और 10 को तोड़ने की कोशिश की। दोपहर बाद भीड़ अचानक बढ़ गई। इसके बाद स्टेडियम के गेट बंद कर दिए गए। इससे पास वाले भी अंदर नहीं घुस पाए। गेट नंबर 10 और ज्यादा स्थिति बिगड़ गई।
3.हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के बाहर थी, हमने फोर्स तैनात की थी लेकिन ये इंतजाम नाकाफी थे। 1 किलोमीटर के दायरे में 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे। कई लोगों ने गेट तोड़ने की कोशिश की। अधिकारी ने कहा कि हमें कुछ जगहों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। स्टेडियम के गेट संकरे थे और भीड़ के दबाव के कारण हादसा हुआ।
4.भीड़ को स्टेडियम से पहले बैरिकेडिंग करके रोका नहीं गया। जब विधान सौधा में स्वागत कार्यक्रम चल रहा था उससे पहले ही स्टेडियम के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने की जरूरत थी। इसके साथ ही कौनसे गेट से एंट्री होनी चाहिए और कौन से नहीं ये भी पुलिस को सूचना पब्लिक को पहले ही देनी चाहिए थी।
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