Bengaluru Oppn Meeting 2nd Day: 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के मकसद के साथ 26 से अधिक विपक्षी दलों की बेंगलुरु में दूसरे दिन की बैठक जारी है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हम जानते हैं कि राज्य स्तर पर हममें से कुछ लोगों के बीच मतभेद हैं।
खड़गे ने कहा कि ये मतभेद वैचारिक नहीं हैं। ये मतभेद इतने बड़े भी नहीं हैं कि हम आम आदमी और मध्यम वर्ग, युवाओं, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए इन्हें अपने पीछे नहीं रख सकते, जिनके अधिकारों को पर्दे के पीछे चुपचाप कुचला जा रहा है।
खड़गे बोले- हम यहां 26 पार्टियां हैं, हम सभी की 11 राज्यों में सरकार है
खड़गे ने कहा- हम यहां 26 पार्टियां हैं। हम सब मिलकर आज 11 राज्यों में सरकार में हैं। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें त्याग दिया। आज बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं।
At the joint Opposition meeting in Bengaluru, Congress President Mallikarjun Kharge said – Every institution is being turned into a weapon against the opposition. CBI, ED, and Income Tax are routinely used. False criminal cases are filed against our leaders so that they get…
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 18, 2023
खड़गे बोले- हर संस्था को विपक्ष के लिए हथियार बनाया जा रहा है
बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है। सीबीआई, ईडी और आयकर का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है। हमारे नेताओं पर झूठे आपराधिक मामले दर्ज कराए जाते हैं ताकि वे कानूनी प्रक्रिया में फंस जाएं। हमारे सांसदों को निलंबित करने के लिए संवैधानिक प्राधिकारियों का उपयोग किया जाता है। विधायकों को बीजेपी में जाने और सरकारें गिराने के लिए ब्लैकमेल या रिश्वत दी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मैंने एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कहा था कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।
बता दें कि पहले दिन की बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार शामिल नहीं हुए थे। दूसरे दिन की बैठक में शामिल होने के लिए शरद पवार मंगलवार सुबह मुंबई से बेंगलुरु पहुंचे गए। दूसरे दिन की बैठक में शरद पवार के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, NCP प्रमख शरद पवार समेत 26 पार्टियों के नेता मौजूद हैं।
Bengaluru Oppn Meeting 2nd Day Live Updates…
- बेंगलुरु: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संयुक्त विपक्ष की बैठक के लिए पहुंचे।
- कर्नाटक: बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक शुरू हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, UPA प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी संयुक्त विपक्ष की बैठक में शामिल हैं।
#WATCH | Karnataka | Opposition leaders of 26 parties gather in Bengaluru on the second day of the joint Opposition meeting. pic.twitter.com/HaYdRGiUfp
— ANI (@ANI) July 18, 2023
बेंगलुरु में लगे नीतीश कुमार के विरोध वाले पोस्टर
विपक्ष की दूसरे दिन की बैठक से ठीक पहले बेंगलुरु की सड़कों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध वाले पोस्टर बैनर नजर आए। वहीं, पहले दिन की बैठक की शुरुआत विपक्षी दलों के नेताओं की रात्रिभोज के बाद हुई। डिनर के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अच्छी शुरुआत हुई है, आधा काम हो गया।
खड़गे ने कहा कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दल सामाजिक न्याय, समावेशी विकास और राष्ट्रीय कल्याण के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम भारत के लोगों को नफरत, विभाजन, आर्थिक असमानता और लूट की निरंकुश और जनविरोधी राजनीति से मुक्त करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम ऐसा भारत चाहते हैं जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के संवैधानिक सिद्धांतों द्वारा शासित हो। हम ऐसा भारत चाहते हैं जो सबसे कमजोर व्यक्ति को आशा और विश्वास प्रदान करे।
कांग्रेस नेता बोले- 2024 में भाजपा का अंत होगा
डिनर के बाद कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि बैठक अच्छे संकेत के साथ शुरू हुई और 2024 में बीजेपी का अंत होगा। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए (National Democratic Alliance) की बैठक के बारे में कहा कि वह राष्ट्रीय आपदा गठबंधन (National Disaster Alliance) होगा।
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उम्मीद जताई कि देश की जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार देगी। बैठक से पहले अखिलेश यादव ने कहा कि देश की 2/3 आबादी बीजेपी को हराने जा रही है। मुझे देश के कोने-कोने से इनपुट मिल रहे हैं कि बीजेपी का सफाया हो जाएगा।
इस बीच, संयुक्त विपक्षी बैठक के मसौदा एजेंडे में पार्टियों के संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए 2024 के आम चुनावों के लिए गठबंधन के लिए सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम और संचार बिंदुओं का मसौदा तैयार करने के लिए एक उपसमिति का गठन किया गया है, जिसमें रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन शामिल हैं।
ईवीएम के मुद्दे पर दूसरे दिन की बैठक में हो सकती है चर्चा
राज्य-दर-राज्य आधार पर सीट साझा करने की प्रक्रिया पर चर्चा करने की योजना है और गठबंधन के लिए नाम भी मेज पर है। विपक्षी दल ईवीएम के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं और चुनाव आयोग को सुधारों का सुझाव दे सकते हैं। विपक्षी नेताओं ने प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक साझा सचिवालय भी स्थापित किया।
इसके अलावा, कई समितियों के गठन की उम्मीद है जो गठबंधन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठकें करेंगी। विभिन्न समूह और उप-समूह भी बनाये जा सकते हैं। इस बैठक में एक संयोजक नियुक्त किया जा सकता है और न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने के अलावा विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए समूहों का गठन किया जा सकता है।
सोनिया गांधी हो सकती हैं संयोजक
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि अध्यक्ष पार्टी से हो क्योंकि वह समूह में सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पार्टी इस मामले पर अड़ी नहीं होगी और विपक्षी दलों के संयुक्त निर्णय के अनुसार चलने को तैयार होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। वे प्रधानमंत्री पद की दावेदार भी नहीं हैं और विपक्ष की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा ले रही हैं।
संयुक्त विपक्ष 2024 चुनाव को मोदी बनाम जनता की लड़ाई बनाने चाहते हैं
सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों को “एक नेता बनाम मोदी” के बीच की लड़ाई नहीं बनाना चाहते हैं, बल्कि मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखना चाहते हैं और इसे “मोदी बनाम जनता” की लड़ाई बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कुछ दलों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समूह का संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया था और अगर इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनी तो कांग्रेस साथ जाएगी। सूत्रों ने बताया कि दो-तीन उपसमूह या एक समन्वय समिति बनाने का प्रस्ताव है।
ध्रुवीकरण पैदा करने वाले मुद्दों से दूर रहने का लिया जा सकता है फैसला
एक सुझाव है कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सामूहिक रूप से उठाए जाने वाले मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए एक समूह बनाया जाना चाहिए। ऐसे किसी भी समूह को उन मुद्दों को तय करने का काम भी सौंपा जा सकता है जिन पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना है और उन मुद्दों से दूर रहना है जो ध्रुवीकरण पैदा करके भाजपा की मदद कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि राज्यों में सीट आवंटन पर निर्णय लेने के लिए एक समूह बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि चूंकि 26 विपक्षी दलों के नेता छोटी अवधि में बैठक नहीं कर सकते, इसलिए समन्वय के लिए एक समूह बनाने का प्रस्ताव है। बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और जिन पर सहमति बनेगी उन पर निर्णय लिया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक, जिन मुद्दों पर सहमति नहीं है, उन पर आगे चर्चा की जाएगी।
संजय राउत ने बताया, किन मुद्दों पर होगी चर्चा
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि बेंगलुरु में दूसरी संयुक्त विपक्ष बैठक के दौरान विपक्षी नेता ईवीएम मशीनों समेत कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ”ईवीएम मशीन, लोकसभा सीट शेयरिंग, फ्रंट का नाम क्या होगा समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी।”
इसके अलावा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को होने वाली एनडीए बैठक को लेकर बीजेपी पर कटाक्ष किया और कहा कि पिछले महीने पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “अचानक एनडीए के बारे में ख्याल आया”।
जयराम रमेश ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पटना में विपक्षी सम्मेलन की सफलता के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नई जान फूंकने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम और बीजेपी हैरान हैं।
राघव चड्ढा बोले- विपक्षी दलों के एक साथ आने से उड़ी भाजपा की नींद
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों का एक साथ आना भारतीय जनता पार्टी की रातों की नींद उड़ा रहा है। गैर-भाजपा दलों के नेताओं के एक साथ आने से वे डर में जीने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता में नहीं लौटेगी।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कर्नाटक के बेंगलुरु में हो रही विपक्ष की बैठक में कुछ और ठोस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये केवल दूसरी बैठक है। पिछली बैठक तो बस शुरुआत थी। हम देखना चाहते थे कि कितनी पार्टियां भाग ले रही हैं और उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण क्या हैं?
बता दें कि संयुक्त विपक्ष की बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पार्टी सांसद टीआर बालू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद नेता लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) महासचिव वाइको और अन्य नेता बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु पहुंचे।