Maharashtra Election 2024: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी श्रीकांत पंगारकर को सीएम एकनाथ शिंदे ने रविवार को पार्टी से निकाल दिया। वे एक दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर ने जालना विधानसभा सीट का चुनाव अभियान प्रभारी नियुक्त किया था। सीएम शिंदे ने कहा कि जालना में जिला स्तर पर जारी किए गए सभी आदेश अमान्य हैं।
इस बीच पंगारकर ने दावा किया कि उन्होंने कभी पार्टी नहीं छोड़ी और शिवसेना में कई पदों पर काम भी किया। इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो वह 2014 से यह भूमिका निभा रहा था जोकि उसे अब सौंपी गई है। सूत्रों की मानें तो पंगारकर 2011 से 2018 के बीच आधिकारिक रूप से सक्रिय नहीं थे लेकिन वे खोतकर के समर्थक थे और चुनाव के दौरान उन्हें बैकडोर से उनकी मदद करते थे।
1996 में शिवसेना से जुड़े थे पंगारकर
पार्टी सूत्रों की मानें तो अगस्त 2018 में कर्नाटक एसआईटी की रिपोर्ट में पंगारकर का नाम सामने आने के बाद खोतकर ने उससे दूरी बना ली थी। बता दें कि भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व काउंसलर जगन्नाथ के बेटे पंगारकर 1996 में शिवसेना से जुड़े थे। इसके बाद वे पार्टी के शाखा प्रमुख और विभाग प्रमुख भी बने। उन्होंने 2001 और 2006 में जालना से नगर निगम का चुनाव जीता। इसके बाद वे दक्षिणपंथी संगठन हिंदू जनजागृति समिति में शामिल हो गए।
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पंगारकर पर ये आरोप
बता दें कि पंगारकर पर लंकेश मामले में हथियार चलाने की ट्रेनिंग में शामिल होने और हथियारों की व्यवस्था करने आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही उन पर नालासापोरा हथियार मामले में आरोप लगाया गया था। महाराष्ट्र एटीएस ने उन पर 2017 में सनबर्न म्यूजिक फेस्टिवल में साजिश रचने का आरोप था। फिलहाल वह दोनों मामलों में जमानत पर बाहर है। उसे पिछले महीने लंकेश हत्या मामले में जमानत मिली थी।
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मैंने जीवन के 6 साल खो दिए
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर पंगारकर ने कहा कि अगर आप र्चाजशीट पढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है।सभी आरोप झूठै है। मैंने अपने जीवन के 6 साल खो दिए। मैं कोई अपराधी नहीं हूं, दोनों मामलों में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैं केवल राजनीति में सक्रिय रहा हूं।