Sikkim Doklam cho la will be opened for tourists soon: साल 1947 की पाकिस्तान के साथ जंग हो या कारगिल वॉर भारतीय जवानों ने हमेशा खुद को वतन के लिए न्यौछावर किया है। अब जवानों की इस वीरता और देशभक्ति के जज्बे को सलाम करते हुए भारत सरकार का बैटलफील्ड टूरिज्म पर जोर है।
दरअसल, जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने देश में 30 युद्ध स्थलों को पर्यटन के लिए खोले जाने की योजना बनाई थी। इसी कड़ी में सितंबर 2025 में सिक्किम में डोकलाम और चो ला पर्यटकों के लिए खोले जाने हैं। बैटलफील्ड टूरिज्म सरकार की एक अनूठी पहल है। इससे देश के ऐतिहासिक, प्राकृतिक और रणनीतिक महत्व को पर्यटकों को बता सकेंगे।
Bharat Rannbhoomi Darshan is an initiative dedicated to promoting battlefield tourism in India. Historic battlefields, often located in challenging and remote terrains, resonate with tales of extraordinary valour and supreme sacrifice. @PIB_India @gssjodhpur @PMOIndia pic.twitter.com/wkLrv2Xjmg
— PIB Tourism (@PIBTour) July 25, 2025
---विज्ञापन---
क्या होता है बैटलफील्ड टूरिज्म? Whats is Battlefield Tourism
भारत के रक्षा और पर्यटन मंत्रालय ने ये प्रोजेक्ट शुरू किया है। केंद्र सरकार की मानें तो इससे खासकर युवाओं में देशभक्ति और इतिहास के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। इससे पर्यटकों को किसी एक स्थल पर ही उस जगह के सैन्य और ऐतिहासिक महत्व को बताने में आसानी होगी।
Gangtok, Sikkim: The strategically significant Chola and Doklam regions in East Sikkim will soon be opened to domestic tourists under the Ministry of Defence’s Battlefield Tourism (Ranbhoomi Tourism) initiative.
C.S. Rao, Additional Chief Secretary, Sikkim Tourism Department,… pic.twitter.com/hHRcrOlQFp
— IANS (@ians_india) July 21, 2025
क्यों डोकलाम है इतना महत्वपूर्ण? चो ला है देश की शान
डोकलाम सिक्किम, भूटान और चीन के बीच में पड़ता है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ये अक्सर चर्चा में बना रहता है। 1962 भारत-चीन युद्ध, यहां चीन के सड़क निर्माण की कोशिश और सिक्किम के ऐतिहासिक महत्व के चलते भारत सरकार ये चाहती है कि देशवासी इसके बारे में जानें। बता दें फिलहाल शुरुआत में चो ला के लिए सीमित संख्या में वाहनों को जानें की अनुमति होगी।
ये भी पढ़ें: Kargil Vijay Diwas: बर्फ से ठिठुरती सेना, 527 जवानों की शहादत, भारत भुला नहीं सकता पाकिस्तान की नापाक हरकत
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा, खुलेंगे नए रोजगार के साधान
प्रशासन के अनुसार शौर्य गाथाओं और जवानों को याद करने के अलावा Battlefield Tourism से देश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इससे होने वाले पर्यटन से लोगों को रोजगार मिलेगा और सैन्य बलिदानों को वह सम्मान मिल सकेगा, जिसके वे हकदार हैं। सरकारों को स्पष्ट निर्देश है कि ऐसे टूरिस्ट एरियार के लिए परमिट सिस्टम, प्रदूषण को देखते हुए वाहनों की संख्या और गाइडेड टूर गाइडलाइंस स्पष्ट रखे। इतना ही नहीं ऐसे संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा और हर स्थिति को नियंत्रित रखने के इंतजाम किए जाएं।
ये भी पढ़ें: Kargil Vijay Diwas: मिग-27 ने किया था टाइगर हिल और तोलोलिंग पर हमला, ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ ने ऐसे दिलाई थी कारगिल को जीत