Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे में 290 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हादसे के 130 दिनों बाद भी कई शवों की पहचान नहीं हो सकी। ऐसे में भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) ने बड़ा फैसला लिया है। निगम ने लावारिस पड़े 28 शवों का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया है। मंगलवार शाम को अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया।
ओडिशा के बालासोर में 2 जून को बहानागा बाजार ट्रेन हादसे के बाद से ही ये शव रखे हुए थे। बीएमसी आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा- हमने श्मशान घाट पर तीन शवों का दाह संस्कार शुरू किया। हम अगले 2-3 दिनों में शेष शवों का दाह संस्कार करेंगे। चूंकि शवों को लंबे समय तक जमे हुए कंटेनरों में रखा गया था, हम देखना चाहते हैं कि इसमें कितना समय लगता है।
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नगर निगम, ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों की मौजूदगी में तीनों शवों का दाह संस्कार किया गया। एम्स के मुर्दाघर में रखे बाकी 25 शव बुधवार को बीएमसी को सौंप दिए जाएंगे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है।
बता दें कि 2 जून की शाम को चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनागा बाजार में एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतरे, फिर हावड़ा जा रही यशवन्तपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए। यह तीन दशकों में भारत की सबसे भीषण रेल दुर्घटना थी।
मारे गए 296 लोगों में से 162 शवों को एम्स भुवनेश्वर के मुर्दाघर में रखा गया था, जिनमें से 81 शवों को पहचान के बाद मृतकों के परिजनों को सौंप दिया गया था। शेष 81 में से अस्पताल अधिकारियों ने डीएनए मिलान के बाद 53 शव सौंप दिए, जबकि 28 शव लावारिस रह गए। बालासोर रेलवे स्टेशन के रेलवे पुलिस बल बैरक में यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के दो जनरल डिब्बों में यात्रा कर रहे यात्रियों के 147 बैग का भी कोई दावेदार नहीं है।
(Valium)