Ayushman Card (भूपेंद्रसिंह ठाकुर): भारतीय सरकार की कई योजनाओं में से एक है आयुष्मान भारत योजना। जिसका लाभ लाखों-करोड़ों भारतीयों द्वारा उठाया जा रहा है। इस सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत गरीब वर्ग और जरूरतमंद लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया जाता है। इसके माध्यम से मुफ्त में स्वास्थ्य सर्विस का फायदा मिलता है। 5 लाख रुपये तक का मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा पाने के लिए लोगों के पास आयुष्मान कार्ड का होना जरूरी है। इसके जरिए कार्डधारक फ्री में इलाज करा सकते हैं।
आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज करवाने वाले जरूरतमंद लोगों पर मुश्किलों का पहाड़ गिर चुका है क्योंकि इसके तहत प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज करवाना 26 फरवरी से पूरी तरह बंद करने की बात कही जा रही है। मामला यह है कि इस स्कीम के तहत इलाज करवाने वाले लोगों की तरह से सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल्स को पैसा देती है लेकिन वह भुगतान अभी बकाया है। PMJAY इम्पैनल प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ऑफ़ गुजरात ने स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी दे दी है कि बकाया भुगतान नहीं होने पर वो आयुष्मान कार्ड के तहत मरीजों का इलाज नहीं करेंगे।
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किस तारीख से बंद रह सकता है आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज ?
इस योजना से होने वाले इलाज की टाइम पर पेमेंट न होने से प्राइवेट अस्पताल संचालक सरकार से नाराज़ हैं। एसोसिएशन के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज का भुगतान बीते दो सालो से नहीं हुआ है। ऐसे में अस्पतालों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। भुगतान नहीं होने से अस्पतालों में बिजली बिल, कर्मचारियों की तनख्वाह, बैंक की किश्त, अस्पताल का किराया सभी काम अटक गए हैं। इसी कारण प्राइवेट अस्पताल संचालक सांकेतिक तौर पर 26 फरवरी से 29 फरवरी आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद रखेंगे।
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एसोसिएशन के मुताबिक प्रदेश भर के 700 हॉस्पिटल का आयुष्मान कार्ड से किए इलाज का बीते दो सालो से 300 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। मिली जानकारी के हिसाब से, आयुष्मान कार्ड के तहत रोज लगभग 500 से ज्यादा आईपीडी मरीज भर्ती होते हैं।